फोर्ड मोटर कंपनी (Ford Motor) तीन साल के बाद भारत में वापसी के लिए तैयार है। कंपनी का फोकस अब ग्लोबल मार्केट के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल के प्रोडक्शन पर होगा। कंपनी डिमांड और टेक्नोलॉजी में बदलावों के साथ अपनी स्ट्रेटेजी को एडजस्ट कर रही है। यह जानकारी कंपनी की रणनीति से परिचित शख्स ने दी। बता दें कि लगातार घाटे की वजह से फोर्ड मोटर ने सितंबर 2021 में भारत में अपना कारोबार बंद दिया था। कंपटीशन में बने रहने के लिए कंपनी को संघर्ष करना पड़ा और इसके बाद फोर्ड ने भारतीय बाजार में अपना कारोबार समेट लिया।
बंद हो गए थे Ford के प्लांट
फोर्ड ने Figo, EcoSport, Endeavour और Aspire जैसे मॉडलों के साथ ICE व्हीकल सेगमेंट में मजबूत जगह बनाई। इसने गुजरात के साणंद में एक मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी ऑपरेट की, जिसे 2022 में टाटा मोटर्स को बेच दिया गया। इसके अलावा, चेन्नई के पास मराईमलाई नगर में एक और फैसिलिटी थी, जिसे जुलाई 2022 में बंद कर दिया गया। हालांकि, अब जैसे-जैसे ग्लोबल ऑटोमोटिव मार्केट EVs की ओर बढ़ रहा है, फोर्ड भविष्य के लिए खुद को तैयार कर रहा है।
Ford का फोकस EV मार्केट पर
एक सूत्र ने बताया, "फोर्ड को एहसास हो गया है कि 2025 भारत में EV मार्केट के लिए एक टर्निंग प्वाइंट होगा।" सूत्र ने कहा, "पेट्रोल या डीजल व्हीकल बनाना अब प्रॉफिटेबल वेंचर नहीं रह गया है, यही कारण है कि फोर्ड अपने चेन्नई प्लांट को फिर से तैयार कर रहा है ताकि बैटरी वाले मॉडलों के लिए एक डेडिकेटेड असेंबली लाइन बनाई जा सके। यह बदलाव फोर्ड के ट्रेडिशनल ICE व्हीकल पर पहले के फोकस से एक अहम बदलाव को दिखाता है।"
तमिलनाडु सरकार के साथ Ford की बातचीत
अपनी री-एंट्री स्ट्रेटेजी के तहत फोर्ड ने तमिलनाडु सरकार को एक लेटर ऑफ इंटेंट सबमिट किया है, जिसमें चेन्नई प्लांट को मुख्य रूप से एक्सपोर्ट के लिए फिर से इस्तेमाल करने का इरादा व्यक्त किया गया है। यह घोषणा फोर्ड लीडरशिप की राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ उनकी हाल की अमेरिका यात्रा के दौरान हुई मुलाकात के बाद की गई। इस दौरान चेन्नई फैसिलिटी में कामकाज को फिर से शुरू करने पर चर्चा की गई, जिसकी वार्षिक क्षमता 200,000 व्हीकल और 340,000 इंजन है।
क्या होगा Ford का भारत में प्लान?
एक अन्य सूत्र ने मनीकंट्रोल को बताया कि फोर्ड का पहला कदम बैटरी पार्ट्स सहित ईवी कंपोनेंट्स के लिए एक मजबूत सप्लायर इकोसिस्टम स्थापित करना होगा। सूत्र ने बताया, "एक बार सप्लायर बेस तैयार हो जाने के बाद कंपनी अपनी चेन्नई फैसिलिटी से इलेक्ट्रिक कारों का प्रोडक्शन शुरू कर देगी, और उन्हें पास के पोर्ट्स के माध्यम से ग्लोबल मार्केट में निर्यात करेगी। अगले चरण में फोर्ड इन व्हीकल्स को डोमेस्टिक इंडियन मार्केट में पेश करने की योजना बना रही है।"
Ford के प्रवक्ता ने क्या कह?
संपर्क किए जाने पर फोर्ड मोटर इंडिया के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, "मैन्युफैक्चरिंग के प्रकार और अन्य डिटेल के बारे में आगे की जानकारी उचित समय पर बताई जाएगी और हम अटकलों पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।"
चेन्नई फैसिलिटी को फिर से तैयार करने की योजना
फोर्ड की एक हालिया प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक कंपनी की ग्लोबल फोर्ड+ ग्रोथ प्लान के हिस्से के रूप में निर्यात के लिए मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस करने के लिए चेन्नई फैसिलिटी को फिर से तैयार किया जाएगा। आधिकारिक बयान में फोर्ड इंटरनेशनल मार्केट्स ग्रुप के प्रेसिडेंट के हार्ट ने कहा, "यह कदम भारत के लिए हमारी लगातार कमिटमेंट को दिखाता है, क्योंकि हमारा लक्ष्य नए ग्लोबल मार्केट्स की सेवा के लिए तमिलनाडु की मैन्युफैक्चरिंग एक्सपर्टाइज का लाभ उठाना है।"
Ford की वापसी पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
2021 में भारत से फोर्ड के बाहर निकलने को एक बड़ी चूक के रूप में देखा गया, क्योंकि देश दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोटिव मार्केट है। हालांकि, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल पर फोकस करके वापस लौटने का फोर्ड का फैसला एक सोचा-समझा कदम है जो कंपनी को लॉन्ग टर्म में कामयाबी के लिए तैयार कर सकता है।