भविष अग्रवाल को Ola Electric की क्वालिटी पर पूरा भरोसा, बोले- प्रति 100 व्हीकल्स में डिफेक्ट मोटे तौर पर इंडस्ट्री बेंचमार्क के अनुरूप

भविष अग्रवाल का कहना है कि सभी शिकायतें या मसले प्रोडक्ट से संबंधित नहीं हैं। उनमें से कई रेगुलर चेक-इन हैं। सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी ने ओला इलेक्ट्रिक की सर्विसेज और इलेक्ट्रिक टूव्हीलर्स में कथित खामियों से संबंधित शिकायतों की विस्तृत जांच का आदेश दिया है

अपडेटेड Nov 17, 2024 पर 1:58 PM
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भविश अग्रवाल ने ओला की ओर से सर्विस नेटवर्क के विकास में देरी को स्वीकार किया।

इलेक्ट्रिक टूव्हीलर मेकर ओला इलेक्ट्रिक (Ola electric) अपने स्कूटर्स और सर्विसेज में कमियों को लेकर लगातार आलोचना का शिकार हो रही है। यहां तक कि जांच भी शुरू हो चुकी है लेकिन कंपनी के फाउंडर, एमडी, चेयरमैन और प्रमोटर भविष अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) को अपने प्रोडक्ट्स की क्वालिटी पर पूरा भरोसा है। हाल ही में उन्होंने ओला प्रोडक्ट्स की क्वालिटी को लेकर चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि प्रति 100 व्हीकल्स में डिफेक्ट या वारंटी रिप्लेसमेंट के मामले में ओला व्हीकल्स मोटे तौर पर घरेलू और वैश्विक दोनों बेंचमार्क के अनुरूप हैं।

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर तिमाही के नतीजों के बाद एनालिस्ट्स से बात करते हुए अग्रवाल ने पिछले सप्ताह कहा था, "अगर आप हमारे प्रोडक्ट्स की क्वालिटी के बारे में सोचते हैं, तो हमारी प्रोडक्ट क्वालिटी वास्तव में प्रति 100 व्हीकल्स में डिफेक्ट्स की संख्या या वारंटी रिप्लेसमेंट के अमाउंट आदि के मामले में मोटे तौर पर भारत और यहां तक कि वैश्विक स्तर पर इंडस्ट्री के अनुरूप है।"

हालांकि अग्रवाल ने ओला की ओर से सर्विस नेटवर्क के विकास में देरी को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि कंपनी को सितंबर 2024 तिमाही में सर्विस के मामले में क्षमता को लेकर थोड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। बिक्री, सर्विस नेटवर्क की तुलना में बहुत तेजी से बढ़ी है। उन्होंने बताया कि कैपेसिटी के इश्यू के कारण जो भी बैकलॉग था, उसे लगभग सॉल्व कर लिया गया है। साथ ही कंपनी ने क्षमता भी बढ़ाई है।


CCPA ने दिए ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ विस्तृत जांच के आदेश

बता दें कि सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने ओला इलेक्ट्रिक की सर्विसेज और इलेक्ट्रिक टूव्हीलर्स में कथित खामियों से संबंधित शिकायतों की विस्तृत जांच का आदेश दिया है। निधि खरे की अध्यक्षता वाले CCPA ने महानिदेशक (जांच) को इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। खरे भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की प्रमुख भी हैं। इस संबंध में आदेश 6 नवंबर को जारी किया गया और बीआईएस महानिदेशक को 15 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।

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यह कदम राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ 10,000 से अधिक शिकायतें मिलने के बाद शुरू की गई कार्रवाई के मद्देनजर उठाया गया है। CCPA ने उपभोक्ता अधिकारों के कथित उल्लंघन, भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित ट्रेड प्रैक्टिसेज का हवाला देते हुए 7 अक्टूबर को ओला इलेक्ट्रिक को नोटिस जारी किया था। नोटिस का कंपनी ने 21 अक्टूबर को जवाब दिया था, जिसमें उसने कहा था कि CCPA के पास दर्ज 10,644 शिकायतों में से 99.1 प्रतिशत का समाधान कर दिया गया है।

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