देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने उम्मीद से बेहतर तिमाही आय दर्ज की क्योंकि गाड़ियों की बढ़ी हुई कीमतों और लागत में कटौती से मार्जिन में बढ़ोतरी हुई। जापान की सुजुकी मोटर कार्पोरेशन की यूनिट ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही में कंपनी की शुद्ध आय 10.1 अरब रुपये (13.5 करोड़ डॉलर) थी, जबकि एक साल पहले यह 19.4 अरब रुपये थी। ब्लूमबर्ग के विश्लेषकों का मुनाफे का औसत अनुमान 9.1 अरब रुपये था। जबकि रेवन्यू 231.1 अरब रुपये के पूर्वानुमान से बढ़कर 232.5 अरब रुपये रही।
मुंबई में मारुति का शेयर 6.8% उछलकर 8,602.60 रुपये पर पहुंच गया जो कि सितंबर 2018 के बाद का सबसे उच्चतम स्तर है। यह एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स पर दिन का सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला स्टॉक रहा। ऑटोमेकर ने पिछले साल अपनी लोकप्रिय स्विफ्ट सहित कुछ मॉडलों की कीमतें बढ़ाईं ताकि बढ़ी हुई इनपुट लागत को कम करने में मदद मिल सके।
सेमीकंडक्टर की वैश्विक किल्लत के कारण उत्पादन धीमा होने के साथ, मारुति ने कहा कि "मांग में कोई कमी नहीं थी" और दिसंबर के अंत तक 240,000 ग्राहक गाड़ियों की डिलीवरी का इंतजार कर रहे थे।
रिलायंस सिक्योरिटीज के मितुल शाह (Mitul Shah, head of research at Reliance Securities) ने एक नोट में कहा कि कारों और एसयूवी की लोकल सेल्स में दो साल से मार्च 2024 तक डबल डिजिट वॉल्यूम ग्रोथ की उम्मीद है, जो मारुति के कारोबार को सपोर्ट करेगी। उन्होंने कहा कि प्रीमियम गाड़ियों की बिक्री भी बढ़ेगी।
मारुति के कॉर्पोरेट मामलों के कार्यकारी निदेशक राहुल भारती (Rahul Bharti, an executive director of corporate affairs at Maruti) ने तिमाही नतीजों के बाद कहा भारत में बैटरी की ज्यादा लागत और सीमित चार्जिंग बुनियादी ढांचे को देखते हुए, हाइब्रिड गाड़िया इलेक्ट्रिक मॉडल की तुलना में अधिक स्केलेबल हैं और मध्यम अवधि में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए एक "बहुत शक्तिशाली" समाधान बन सकती हैं। इसके साथ ही मारुति लंबी अवधि में ईवी कारोबार को आगे बढ़ाएगी।
कंपनी के बयान के मुताबिक दिसंबर तिमाही में मारुति की लोकल सेल्स एक साल पहले के 467,369 से गिरकर 365,673 गाड़ियां रह गई। मिंट की खबर के मुताबिक इसकी मूल कंपनी सुजुकी ने पुर्जों की सोर्सिंग में कठिनाइयों और इस महीने की शुरुआत में जापान में तीन प्लांट्स का काम रुकने के कारण जनवरी के उत्पादन में लगभग 15% की कटौती की।