Starlink: टेस्ला के सीईओ एलॉन मस्क (Elon Musk) कुछ ही दिनों में भारत यात्रा पर आने वाले हैं। मस्क की भारत यात्रा कई मायनों में काफी खास होने वाली है। इस दौरान मस्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। मस्क का भारत दौरान 48 घंटों का रहने वाला है। इसके साथ ही ऐसी जानकारी सामने आई है कि मस्क सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक का भारत में ऐलान कर सकते हैं। हालांकि कई लोगों को जानकारी नहीं है कि आखिर ये स्टारलिंक होता क्या है? ऐसे में आइए बताते हैं कि आखिर सैटेलाइट इंटरनेट क्या है और कैसे काम करता है?
स्टारलिंक हजारों सैटेलाइट का एक ग्रुप है जो धरती के काफी करीब लगभग 550 किमी की दूरी पर है और इसकी परिक्रमा करते हैं और पूरे विश्व को कवर करते हैं। स्टारलिंक सैटेलाइट अन्य Geostationary सैटेलाइट की तुलना में कम कक्षा में हैं, जिससे तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी देना काफी आसान हो जाता है।
आपका इंटरनेट सेवा प्रदाता एक हाई-फ्लाइंग सैटेलाइट को सिग्नल भेजता है जो इसे आपके जरिए स्थापित एंटीना से बाउंस करता है। फिर सिग्नल एक मॉडेम को भेजा जाता है, जो आपके घर में स्थापित होता है और इंटरनेट कनेक्टिविटी को चालू कर देता है। स्टारलिंक में कोई केबल या फाइबर नहीं है, यही कारण है कि यह दूरदराज के इलाकों में इसका काफी इस्तेमाल हो सकता है। मस्क ने हमेशा स्टारलिंक को उन क्षेत्रों तक पहुंचने पर जोर दिया है, जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी एक समस्या है - जैसे भारत और अन्य देशों में दूरस्थ स्थान।
स्टारलिंक एक इंस्टॉलेशन/टूल किट बेचता है। इसमें स्टारलिंक एंटीना है। इस एंटीना को वहां स्थापित करना होता है, जहां कनेक्टिविटी चाहिए। इसमें एक राउटर, एक सैटेलाइट लिंक केबल और एक AC केबल है। स्टारलिंक यह भी स्पष्ट करता है कि आसमान साफ होना चाहिए, ताकी सैटेलाइट के साथ जुड़ाव हो सके, नहीं तो कनेक्शन में बाधा हो सकती है। पेड़ की शाखा, खंभा, या छत से भी कनेक्शन में रुकावट हो सकती है।
दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में रहने वालों के लिए सैटेलाइट इंटरनेट काफी उपयोगी साबित हो सकता है। स्टारलिंक का इस्तेमाल करने वाले आमतौर पर 25 और 220 एमबीपीएस के बीच डाउनलोड स्पीड पाते हैं, ज्यादातर उपयोगकर्ता 100 एमबीपीएस से अधिक की स्पीड भी पाते हैं। स्टारलिंक का दावा है कि अपलोड स्पीड आमतौर पर 5 से 20 एमबीपीएस के बीच होती है।
अमेरिका में स्टारलिंक 120 डॉलर प्रति माह से शुरू होता है और प्लान के मुताबिक यह 5,000 डॉलर तक जा सकता है। टूल्स की लागत 500 डॉलर से शुरू होती है और 2,500 डॉलर तक जाती है।
यूएसए, कनाडा, यूके, फ्रांस, नीदरलैंड, डेनमार्क, पुर्तगाल, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड कुछ ऐसे देश हैं जहां स्टारलिंक की सेवाएं मौजूद हैं।