IBM के CEO ने कहा, भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मामले में आत्मनिर्भर होने की जरूरत

कंपनी के चेयरमैन और सीईओ अरविंद कृष्ण का कहना है भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मामले में अपनी क्षमता विकसित करनी चाहिए। साथ ही, उसे नेशनल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटिंग सेंटर भी सेट अप करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ करोड़ डॉलर के निवेश से यह मुमकिन है और यह निवेश भारत की क्षमता के दायरे में है

अपडेटेड Aug 28, 2023 पर 7:33 PM
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अरविंद कृष्ण का कहना है कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का लाभ उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

आईबीएम (IBM) के चेयरमैन और सीईओ (CEO) अरविंद कृष्ण का कहना है भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के मामले में अपनी क्षमता विकसित करनी चाहिए। साथ ही, उसे नेशनल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटिंग सेंटर भी सेट अप करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'राजीव चंद्रशेखर (आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मिनिस्टर) के साथ हमारी काफी अच्छी बातचीत हुई। मेरा मानना है कि हर देश के पास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की अपनी क्षमता होनी चाहिए।'

AI को लेकर आत्मनिर्भर होना क्यों है जरूरी

कृष्ण ने कहा, 'हो सकता है कि आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल ऐसे मकसद के लिए करें, जिसकी जानकारी आप बाकी दुनिया को देना नहीं चाहें। इसका मतलब है कि आपको कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर आदि की जरूरत होगी और सरकार और प्राइवेट कंपनियों को ऐसा विकल्प तैयार करना चाहिए, जो अनोखा हो।' उन्होंने कहा कि कुछ करोड़ डॉलर के निवेश से यह मुमकिन है और यह निवेश भारत की क्षमता के दायरे में है। उन्होंने कहा, 'जो लोग कहते हैं कि इसके लिए 10 अरब डॉलर की जरूरत है, वे भ्रम फैला रहे हैं।' अमेरिका और चीन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। कृष्ण बी20 समिट में हिस्सा लेने भारत आए थे। उन्होंने कहा कि यह समिट भारत के लिए गौरव की बात है।

भारत को लेकर बुलिश है IBM


कृष्ण ने बताया कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का लाभ उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार है, जैसा कि उसने बीपीओ (BPO) और आईटी सर्विसेज से हासिल किया था। उन्होंने कहा, 'भारत में टैलेंट की कमी नहीं है। सरकार भी बिजसने को बढ़ावा दे रही है। भारत-अमेरिकी रिश्ते भी काफी अच्छे हैं। लिहाजा, मैं उम्मीद करता हूं कि भारत में हमारा बिजनेस आगे बढ़ेगा। '

IBM और AI

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर IBM के प्रयोग और रिसर्च लंबे समय से चल रहे हैं। कंपनी ने 80 और 90 के दशक में कंपनी ने शतरंज खेलने से जुड़ा डीप ब्लू (Deep Blue) नामक सिस्टम विकसित किया था, जिसने 1997 में विश्व शतंरज चैपियन गैरी कास्परोव (Garry Kasparov) को हरा दिया था। इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इतिहास में काफी अहम माना जाता है। कंपनी ने IBM Watson (आईबीएम वॉट्सन) नामक कंप्यूटर सिस्टम भी डिवेलप किया, जो नेचुरल लैंग्वेज में पूछे गए सवालों के जवाब देने में सक्षम है। इस बारे में पूछे जाने पर कृष्ण का कहना था कि IBM का फोकस एंटरप्राइज से जुड़े पहलुओं पर है।

जॉब्स पर AI का असर

कृष्ण प्रॉडक्टिविटी बढ़ाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका को लेकर पहले ही बोल चुके हैं। वह जॉब्स पर जेनरेटिव एआई के असर को लेकर भी काफी मुखर रहे हैं। IBM ने मई में कहा था कि कंपनी कुछ भूमिकाओं के लिए भर्ती पर रोक लगाने की तैयारी में है, क्योंकि 7,800 जॉब्स से जुड़ा काम के लिए आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा सकता है। IBM अब एचआर से जुड़े कई काम मसलन प्रमोशन और लोगों के एसेसमेंट के काम के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर रही है।

AI में IBM का निवेश

IBM ने ओपन-सोर्स AI सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट स्टार्टअप 'हगिंग फेस' (Hugging Face) csx 23.5 करोड़ डॉलर निवेश किया है। इस स्टार्टअप में गूगल (Google), एमेजॉन (Amazon), इंटेल (Intel), एएमडी (AMD), क्वॉलकॉम (Qualcomm ) और सेल्सफोर्स (Salesforce) ने भी निवेश किया है।

कृष्ण का जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ था और उन्होंने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी। उन्होंने 1990 में IBM ज्वाइन किया था।

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