Meta vs Twitter : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर की तरह अब फेसबुक ने भी पेड वेरिफिकेशन सर्विस का ऐलान कर दिया है। यूजर्स को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी वेरिफाइड अकाउंट यानी ब्लू टिक के लिए पैसे चुकाने होंगे। वेब के लिए इसकी कीमत 11.99 डॉलर और आईओएस के लिए 14.99 डॉलर तय की गई है। इस सर्विस को पहले ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में रोल आउट किया जाएगा। बाद में यह सर्विस अन्य देशों में भी शुरू होगी। इस सर्विस के तहत यूजर्स को अकाउंट वेरिफिकेशन के अलावा, विजिबिलिटी और रीच बढ़ने जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी।
फेसबुक ने यह घोषणा ट्विटर के नए मालिक एलॉन मस्क के पेड वेरिफिकेश सर्विस को फिर से लॉन्च किए जाने के दो महीने बाद की है। यह सर्विस भारत में 8 फरवरी को वेब पर 650 रुपये के मासिक शुल्क और मोबाइल डिवाइस पर 900 रुपये में उपलब्ध हो गई है। यहां हम समझेंगे कि इन दोनों प्लेटफॉर्म पर वेरिफिकेश सर्विस में क्या समानताएं हैं और साथ ही यह भी जानेंगे कि इनमें क्या अंतर है।
दोनों कंपनियों को अकाउंट वेरिफिकेशन से खासी उम्मीद है। यह हाल के वर्षों में विवाद का विषय भी रहा है। मेटा वेरिफाइड सब्सक्राइबर ब्लू वेरिफाइड बैज के साथ-साथ इम्पोस्टर अकाउंट्स के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए यूजर्स गवर्नमेंट आईडी के साथ अपने अकाउंट को वेरिफाई कर सकेंगे। यह फीचर फिलहाल केवल उन्हीं यूजर्स के लिए उपलब्ध है जिनकी उम्र कम से कम 18 साल है। बिजनेस वर्तमान में इस बैज के लिए आवेदन नहीं कर सकते।
आप अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम दोनों अकाउंट को वेरिफाई कर सकेंगे। लेकिन इन दोनों के लिए आपको अलग-अलग पैसे देने होंगे। दोनों प्लेटफॉर्म पर अपने अकाउंट को वेरिफाई करने के लिए आपको हर महीने कम से कम 24 डॉलर का भुगतान करना होगा।
मेटा ने कहा कि जिन लोगों के पास पहले से ही फेसबुक और इंस्टाग्राम पर वेरिफाइड अकाउंट हैं, वे उन्हें बिना कोई भुगतान किए जारी रख सकते हैं। इसके अलावा, कंपनी उन फेसबुक प्रोफाइल और पेजों को पहले की तरह वेरिफिकेशन बैज प्रदान करना जारी रखेगी, जो पब्लिक इंटरेस्ट में हैं और वेरिफिकेशन क्राइटेरिया को पूरा करते हैं।
बढ़ेगी यूजर्स की विजिबिलिटी और रीच
सब्सक्रिप्शन सर्विस में एक और खास बात यह है कि कंपनी का कहना है कि इससे यूजर्स की विजिबिलिटी और रीच बढ़ेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी ने अपने AI-बेस्ड डिस्कवरी इंजन द्वारा संचालित यूजर फ़ीड्स पर एल्गोरिथम कंटेंट रिकमंडेशन पर अधिक फोकस करना शुरू कर दिया है। मेटा ने कहा विजिबिलिटी बढ़ने का मतलब यह है कि यूजर्स को प्लेटफॉर्म पर कुछ मामलों जैसे - सर्च, कमेंट और रिकमंडेशन में अधिक प्राथमिकता दी जाएगी। इस फीचर से कंटेंट क्रिएटर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को फायदा होगा। ट्विटर ने यह भी कहा है कि वह सर्च में ट्विटर ब्लू सब्सक्राइबर्स के ट्वीट्स को प्राथमिकता देगा। इसके साथ ही वे प्लेटफॉर्म पर बातचीत में भाग ले सकते हैं, जिसमें रिप्लाई और मेंशन शामिल हैं।
कंपनी ने कहा कि मेटा वेरिफाइड सब्सक्राइबर्स को कस्टमर सपोर्ट का डायरेक्ट एक्सेस मिलेगा। कंपनी ने कहा कि अकाउंट से जुड़े कॉमन इश्यू के लिए यूजर्स रियल पर्सन से संपर्क कर सकेंगे। दूसरी ओर, ट्विटर सब्सक्राइबर्स को केवल सब्सक्रिप्शन या ट्विटर ब्लू सब्सक्राइबर्स के लिए एक्सक्लुसिव फीचर्स से जुड़े मुद्दों के लिए डेडिकेटेड सपोर्ट मिलेगा। सब्सक्राइबर्स को अकाउंट से जुड़ी समस्याओं के लिए कस्टमर सपोर्ट में कोई वरीयता नहीं मिलेगी। इतना ही नहीं, ट्विटर ने कहा है कि SMS बेस्ड टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल ब्लू सब्सक्राइबर्स ही कर सकेंगे।
मेटा ने सब्सक्रिप्शन लेने वाले लोगों को दिखाए जाने वाले विज्ञापनों की संख्या को कम करने को लेकर कुछ भी नहीं कहा है। इसका यह मतलब है कि यूजर्स को विज्ञापन में किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी। दूसरी ओर, ट्विटर ने कहा है कि ब्लू सब्सक्राइबर्स को अपने होम टाइमलाइन पर 50% कम विज्ञापन दिखेंगे।