Nepal Protests News: भारी विरोध-प्रदर्शन के बाद आखिरकार नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है। नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में राजधानी काठमांडू और कुछ अन्य इलाकों में सोमवार (8 सितंबर) को युवाओं ने हिंसक प्रदर्शन किया। इसके दौरान कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हो गए। नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने देश में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद इस्तीफा दे दिया है। नेपाल सरकार ने कुल 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बंद दिया था।
नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने देश में मौजूदा हालात को लेकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हालात बिगड़ने के बाद नेपाली सेना को राजधानी काठमांडू में तैनात किया गया। सेना के जवानों ने नए बानेश्वोर में संसद परिसर के आसपास के रास्तों पर नियंत्रण कर लिया है। इससे पहले, काठमांडू में 'जेन जी' के बैनर तले स्कूली छात्रों समेत हजारों युवा संसद भवन के सामने इकट्ठा हुए। उन्होंने प्रतिबंध को तुरंत हटाने की मांग करते हुए सरकार विरोधी नारे लगाए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार युवाओं का प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया जब कुछ प्रदर्शनकारी संसद परिसर में घुस गए। इसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल करना पड़ा। नेपाल पुलिस के प्रवक्ता विनोद घिमिरे ने कहा कि काठमांडू के विभिन्न हिस्सों में रैली के दौरान हिंसक झड़पों में 17 लोगों की मौत हो गई। जबकि पूर्वी नेपाल के सुनसरी जिले में पुलिस की गोलीबारी में दो प्रदर्शनकारियों की भी मौत हो गई।
ये प्रदर्शन पोखरा, बुटवल, भैरहवा, भरतपुर, इटाहरी और दामक जैसे क्षेत्रों में भी हुए। नेपाली कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि गठबंधन सरकार में नेपाली कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले गृह मंत्री लेखक ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया है। लेखक ने शाम को प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को उनके आवास, बालुवाटर में आयोजित कैबिनेट बैठक में अपना इस्तीफा सौंप दिया।
कई इलाकों में कर्फ्यू लागू
हिंसा के बाद, स्थानीय प्रशासन ने राजधानी के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया। काठमांडू के अलावा, ललितपुर जिले, पोखरा, बुटवल और सुनसरी जिले के इटाहरी में भी कर्फ्यू लगा दिया गया। मुख्य जिला अधिकारी छबि लाल रिजाल ने एक नोटिस में कहा, "प्रतिबंधित क्षेत्र में लोगों के आवागमन, प्रदर्शन, बैठक, सभा या धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी।"
स्थानीय प्रशासन ने बाद में ये प्रतिबंधात्मक आदेश राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री कार्यालय के आसपास के विभिन्न क्षेत्रों में भी लागू कर दिए। नेपाल सरकार ने अनिवार्य रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का पालन नहीं करने पर चार सितंबर को फेसबुक, व्हाट्सऐप और एक्स सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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