बांग्लादेश (Bangladesh) ने शनिवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Fuel Prices) में 51.7 फीसदी का इजाफा कर दिया। इस कदम से बांग्लादेश की सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम होगा, लेकिन देश में महंगाई और तेज होने की आशंका बढ़ गई है। बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था 416 अरब डॉलर की है और पिछले कुछ सालों से यह दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ने वाले अर्थव्यवस्थाओं में शामिल रहा है।
हालांकि गैस, फ्यूल और खाने-पीने की चीजों की ग्लोबल लेवल पर बढ़ी कीमतों ने बांग्लादेश की सरकार का इंपोर्ट बिल बढा दिया है। इसके चलते सरकार को इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) सहित कई ग्लोबल एजेंसियों से लोन लेना पड़ा है।
बांग्लादेश ने एक बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की बढ़ी कीमतों को देखते हुए दाम में इजाफा जरूरी हो गया था। साथ ही उसने बताया कि उसकी सरकारी ऑयल कंपनी बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPC) को पिछले 6 महीने यानी जुलाई तक ऑयल की बिक्री पर 8 अरब टका (बांग्लादेश मुद्रा) का घाटा हुआ है।
बांग्लादेश के बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन राज्य मंत्री नसरूल अहमद ने बताया "नई कीमतें हर किसी के लिए असहनीय होंगी। लेकिन हमारे पास और कोई विकल्प नहीं है। लोगों को धैर्य रखना होगा।" उन्होंने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें घटती हैं तो उसी के मुताबिक देश में ही दाम कम किया जाएगा।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कहा, "कीमतों में बढ़ोतरी जरूरी थी लेकिन मैंने कभी इतनी भारी बढ़ोतरी की कल्पना नहीं की थी। मुझे नहीं पता कि सरकार IMF से कर्ज लेने की शर्त पूरी कर रही है या नहीं।" अधिकारी ने कहा कि लोग पहले से ही जरूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमत की समस्या से जूझ रहे हैं और पेट्रोलियम की कीमतों में इजाफा उनके बोझ को और बढ़ाने वाला है।
बता दें कि बांग्लादेश की महंगाई दर पिछले नौ महीनों से लगातार 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। जुलाई में उसकी महंगाई दर 7.48 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जिससे गरीब और मध्यम आय वाले परिवारों पर अपने दैनिक खर्चों को पूरा करने का दबाव बढ़ गया है। साथ ही महंगाई के चलते बांग्लादेश की 16.5 करोड़ की आबादी में सामाजिक अशांति का खतरा भी बढ़ सकता है।