BRICS Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग आज यानी बुधवार (23 अक्टूबर) को रूस में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। यह मई 2020 में पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद उत्पन्न होने के बाद दोनों नेताओं की पहली आधिकारिक बैठक होगी। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने के समझौते की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री मोदी और जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने यह जानकारी दी है। दोनों नेताओं (PM Modi Xi Xinping Meeting In BRICS) के बीच करीब पांच साल बाद आधिकारिक द्विपक्षीय वार्ता होने जा रही है।
यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले ही भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी सेनाओं द्वारा गश्त करने के समझौते पर सहमति जताई थी। यह चार साल से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है। इस सप्ताह की शुरुआत में विदेश सचिव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की थी कि 2020 में उठे मुद्दों के हल के लिए और तनाव कम करने के लिए दोनों देशों में समझौता हो गया है।
मिस्री ने मंगलवार (22 अक्टूबर) को कहा, "मैं पुष्टि कर सकता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच कल (बुधवार को) द्विपक्षीय बैठक होगी।" नवंबर 2022 में पीएम मोदी और शी ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति द्वारा G-20 नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज में एक-दूसरे का अभिवादन किया और संक्षिप्त बातचीत की।
पिछले साल अगस्त में भी भारतीय प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन के दौरान जोहानिसबर्ग में एक संक्षिप्त और अनौपचारिक बातचीत की थी। पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच बैठक कजान में होगी, जो ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का स्थल है।
सोमवार को भारत और चीन के बीच गश्त पर हुए समझौते के बारे में पूछे जाने पर मिस्री ने कहा कि तत्काल ध्यान सैनिकों को पीछे हटाने पर होगा। फिर उचित समय पर तनाव कम करने और सैनिकों की वापसी के मुद्दे पर विचार किया जाएगा।
चीन ने भी समझौते की पुष्टि
चीन ने पूर्वी लद्दाख में उसकी और भारत की सेनाओं के बीच गतिरोध समाप्त करने के लिए नई दिल्ली के साथ एक समझौता होने की मंगलवार को पुष्टि की। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, "हाल के समय में भारत और चीन दोनों देशों की सीमा से संबंधित मुद्दों पर राजनयिक और सैन्य माध्यमों के जरिए निकट संपर्क में रहे हैं।" लिन से चार वर्ष से अधिक समय से जारी सैन्य गतिरोध को समाप्त करने के लिए एक समझौता करने की सोमवार को भारत द्वारा की गई घोषणा को लेकर प्रतिक्रिया मांगी गई थी। उन्होंने कहा कि अब दोनों पक्ष प्रासंगिक मामलों पर एक समाधान पर पहुंच गए हैं।
लिन ने कहा कि चीन इसे लागू करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेगा। लेकिन उन्होंने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया। अधिक डिटेल्स मुहैया कराने के लिए जोर देने पर, लिन ने कहा, "मैंने उस सवाल का जवाब दे दिया है और मेरे पास कहने के लिए और कुछ नहीं है।"
भारत ने सोमवार को घोषणा की थी कि भारतीय और चीनी वार्ताकार पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त के लिए एक समझौते पर सहमत हुए हैं। इस समझौते को पूर्वी लद्दाख में चार वर्ष से अधिक समय से जारी सैन्य गतिरोध के समाधान की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि इस पर चीन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी।
जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे। यह झड़प पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच हुई सबसे भीषण सैन्य झड़प थी।