China Protests: कोरे कागज और फिजिक्स के फॉर्मूले के जरिए चीन की जनता ने बिगाड़ा शी जिनपिंग का समीकरण, क्या आपने देखे ऐसे अनोखे प्रदर्शन?
China Protests: जिस तरह चीन में सरकार या अपने नेता का विरोध करना कोई सामान्य बात नहीं है, ठीक वैसे ही यहां के लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर करने के जो तरीके अपनाए हैं, वो भी कोई आम तरीके नहीं है
China Protests: कोरे कागज और फिजिक्स के फॉर्मूले के जरिए चीन की जनता ने बिगाड़ा शी जिनपिंग का समीकरण
China Protests: चीन (China) में सरकार की Zero Covid Policy को लेकर आम जनता की नाराजगी अब सबके सामने खुल कर आ चुकी है। नाराज लोग सड़कों पर उतर आए और प्रदर्शन (Protests) करने लगे। बीजिंग (Beijing) और शंघाई (Shanghai) समेत देश के कई बड़े शहरों में प्रदर्शन हुए और गुस्साए लोगों ने खुलकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jingping) के इस्तीफे की मांग की। साथ ही उनकी कम्यूनिस्ट पार्टी (Communist Party) को भी सत्ता से बेदखल करने की गूंज इन प्रदर्शनों में सुनाई पड़ी। DW की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार और रविवार को हुए इन प्रदर्शनों के बाद सोमवार सुबह को पुलिस ने रोक-रोक कर लोगों की तलाशी ली, ताकि लोगों को दोबारा प्रदर्शन करने से रोका जा सके।
जिस तरह चीन में सरकार या अपने नेता का विरोध करना कोई सामान्य बात नहीं है, ठीक वैसे ही यहां के लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर करने के जो तरीके अपनाए हैं, वो भी कोई आम तरीके नहीं है। यूनिवर्सिटी के छात्रों ने सफेद कागज (Plain White Paper) पर फिजिक्स की इक्वेशन (Physics Equation) लिखकर विरोध जताया, तो कहीं लोगों ने खाली सफेद शीट या कोरा कागज हवा में लहराते हुए अपना गुस्सा जाहिर किया।
China Protests: प्रदर्शन का प्रतीक कोरा कागज
सोशल मीडिया पर चीन से आईं कई वीडियो और तस्वीरों में लोगों को हाथों में सफेद रंग का कोरा कागज में लहराते हुए देखा गया। ये सफेद खाली पेपर, चीन में लगे सेंसरशिप (Censorship) के विरोध का प्रतीक बन गया है। चीन एक ऐसा देश है, जो असंतोष या विरोध को सहन नहीं कर पाता है।
इसलिए वो इस तरह के विरोध प्रदर्शनों या सरकार की आलोचना वाली खबरों को बाहर आने से रोकने के लिए सेंसरशिप का सहारा लेता है। देश का अधिकतर मीडिया सरकार के कंट्रोल में है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के नाम वहां WeChat जैसे कुछ ऐप ही चलते हैं।
उन प्लेटफॉर्म पर भी क्या जाएगा और क्या नहीं ये सरकार तय करती है। चीन इस काम को युद्धस्तर पर करता है और सेंसरशिप के लिए बाकायदा पूरा एक सिस्टम निगरानी करता है। इसमें सबसे अहम रोल उसके ग्रेट फायरवॉल का।
बाकी दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे- Facebook, Twitter या Telegram पर भी रोक है। Google से लेकर कई विदेशी न्यूज वेबसाइट भी चीन में नहीं चलते हैं।
हालांकि, आज के इस तकनीकी दौर में कई लोगों अलग-अलग हथकंडे या VPN के जरिए बैन की गईं वेबसाइट्स या ऐप्स का इस्तेमाल कर लेते हैं।
चीन की सरकार कोई भी खबर बाहर आने से कितना डरती है, इसका पता आपको ऐसे लग जाएगा कि सोमवार और मंगलवार को पुलिस लोगों को रोक-रोक कर उनके फोन में चेक कर रही थी कि कहीं कोई VPN या Telegram तो नहीं चला रहा है।
अब लोगों ने सरकार की सेंसरशिप नीति का विरोध करने का अनोखा तरीका अपना लिया। सफेद कोरे कागज को सरकार की पाबंदियों और बंदिशों की सांकेतिक आलोचना के तौर पर देखा जा रहा है।
इसका दूसरा पहलू ये भी है कि क्योंकि उन कागजों पर कुछ लिखा नहीं है, इसलिए कानूनन उन्हें किसी टिप्पणी के लिए सजा नहीं दी जा सकती। चीन के लोग गिरफ्तारी से बचने के लिए भी ऐसा कर रहे हैं। हालांकि, पुलिस के पास उनके खिलाफ एक्शन लेने के और भी बहुत से कारण हो सकते हैं।
China Protests: प्रदर्शन में फिजिक्स के फॉर्मूला?
आपको ये जानकारी हैरानी होगी कि चीन के छात्र फिजिक्स के एक फॉर्मूला से अपनी सरकार का विरोध कर रहे हैं। जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ चीन की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी शिन्हुआ (Tsinghua University) के स्टूडेंट्स भी बढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। यूनिवर्सिटी के छात्र फिजिक्स के फॉर्मूले का इस्तेमाल कर इस पॉलिसी के खिलाफ अपना गुस्सा जता रहे हैं।
प्रदर्शन के दौरान छात्रों के हाथों में कोरे सफेद कागज थे। उन कागजों पर फिजिक्स की फ्रीडमैन इक्वेशन (Friedmann equation) लिखी हुई थी। करीब 200 से 300 छात्र कोरे कागज पर इस इक्वेशन को लेकर हाथों में लहरा रहे थे।
रिपोर्ट्स की मानें, तो इस फॉर्मूले को फ्रीडमैन इक्वेशन, चीन के लोग FREE MAN यानी इंसानों की आजादी से जोड़ रहे हैं और लोगों की आजादी की मांग कर रहे हैं।
साथ ही कई लोगों का ये भी दावा है कि फ्रीडमैन इक्वेशन यूनिवर्स के विस्तार और उसके खुलेपन से जुड़ी हुई है। इसके जरिए लोग चीन को भी पूरी तरह खोलने की मांग कर रहे हैं।
दूसरी तरफ चीन की कई यूनिवर्सिटी देश में Covid-19 की कड़ी होती पाबंदियों के मद्देनजर छात्रों को उनके घर भेज रहे हैं। हालांकि मंगलवार को बीजिंग, शंघाई और दूसरे कई बड़े शहरों में पुलिसकर्मियों की भारी तैनाती के चलते प्रदर्शनकारी शांत रहे, लेकिन इलाकों में तनावपूर्ण शांति रही।
कुछ यूनिवर्सिटी ने छात्रों को रेलवे स्टेशनों तक ले जाने के लिए बसों की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा है कि क्लास और फाइनल परीक्षा ऑनलाइन होंगी।
बीजिंग वानिकी यूनिवर्सिटी ने अपनी वेबसाइट पर कहा, “हम इच्छुक छात्रों को उनके होम टाउन भेजने की व्यवस्था करेंगे।” विश्वविद्यालय ने कहा कि कोई भी कर्मचारी या छात्र कोरोनावायरस से संक्रमित नहीं पाया गया है।
वहीं मंगलवार को संक्रमण के डेली आने वाले नए मामलों की संख्या थोड़ी कम 38,421 रही। इससे पहले बीते कुछ दिन में Covid-19 के रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे थे। इन 38,421 संक्रमितों में से 34,860 में कोरोना का कोई लक्षण नहीं दिखा है।