'भारत के साथ हमारे संबंधों में दखल न दें', चीन ने अमेरिका को दी चेतावनी, पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में किए और कई चौंकाने वाले दावे

पेंटागन की 'चीन के जनवादी गणराज्य से जुड़े सैन्य और सुरक्षा विकास' के नाम से इस रिपोर्ट में कहा गया, LAC पर भारत के साथ अपने गतिरोध के दौरान, चीनी अधिकारियों ने सीमा की स्थिरता को बनाए रखने और गतिरोध को कम करने की कोशिश की

अपडेटेड Nov 30, 2022 पर 3:59 PM
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चीन ने भारत के साथ अपने संबंधों को लेकर अमेरिका को दी चेतावनी (FILE PIC)

कांग्रेस (Congress) को एक रिपोर्ट में पेंटागन (Pentagon) ने बताया कि चीन (China) ने अमेरिकी अधिकारियों को भारत के साथ अपने संबंधों (India China Relations) में हस्तक्षेप न करने की चेतावनी दी है। इसने यह भी कहा कि चीन के अधिकारियों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव (India China Standoff) को रोकने की कोशिश की, क्योंकि इससे नई दिल्ली और अमेरिका के बीच नजदीकियां बढ़ रही थीं।

पेंटागन की 'चीन के जनवादी गणराज्य से जुड़े सैन्य और सुरक्षा विकास' के नाम से इस रिपोर्ट में कहा गया, LAC पर भारत के साथ अपने गतिरोध के दौरान, चीनी अधिकारियों ने सीमा की स्थिरता को बनाए रखने और गतिरोध को कम करने की कोशिश की। चीन ने भारत के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों के दूसरे पहलुओं को नुकसान न पहुंचे इस पर भी खासा जोर दिया है।

पेंटागन ने कांग्रेस को अपनी नई रिपोर्ट में कहा, “पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) सीमा तनाव के चलते भारत और अमेरिका को एक दूसरे के ज्यादा नजदीक आने से रोकना चाहता है। PRC अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों को चेतावनी दी है कि वे भारत के साथ PRC के संबंधों में हस्तक्षेप न करें।"


इस रिपोर्ट के एक सेक्शन में चीन-भारत सीमा विवाद का भी जिक्र किया गया है। पेंटागन ने कहा कि 2021 में पूरे साल PLA ने सैनिकों की तैनाती जारी रखी और LAC के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर बनाता रहा। इसमें कहा कि बातचीत से कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ा, क्योंकि दोनों देशों को ही फ्रंट लाइन पर एडवांटेज खोने का खतरा है।

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मई 2020 की शुरुआत में, LAC पर चीन और भारतीय सेना के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस दौरान दोनों और के सैनिक डंडों और लोहे की रोड लेकर आमने सामने आ गए थे। पेंटागन ने चीन की तैनाती के बाद गलवान संघर्ष (Galwan Faceoff) को "45 सालों में दोनों देशों के बीच अब तक का सबसे हिंसक संघर्ष" करार दिया।

इस गतिरोध और संघर्ष के बाद से दोनों ही तरफ की सेनाओं ने सीमा पर इंफ्रस्ट्रक्चर बनाने की रफ्तार बढ़ा दी है। इसमें कहा गया है, "दोनों ही देशों ने एक दूसरेकी सेना को पीछे हटाने और गतिरोध से पहले की स्थिति में लौटने की मांग की, लेकिन न तो चीन और न ही भारत उन शर्तों पर सहमत हुए।"

रिपोर्ट में कहा, "PRC ने गतिरोध के लिए भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर को दोषी ठहराया, जिसे उसने PRC के इलाके पर कब्जा बताया था। जबकि भारत ने चीन पर भारत के क्षेत्र में आक्रामक घुसपैठ शुरू करने का आरोप लगाया।"

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