ऑस्ट्रेलिया में बच्चे नहीं चला पाएंगे सोशल मीडिया, जानें प्लेटफॉर्म कैसे करेंगे उम्र की पहचान

Australia Social Media Ban: ऑस्ट्रेलिया सरकार ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया चलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने इसकी घोषणा की है

अपडेटेड Nov 10, 2025 पर 3:00 PM
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सरकार ने साफ कर दिया है कि नए नियम लगभग सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लागू किया जाएगा।

Australia Social Media Ban: ऑस्ट्रेलिया सरकार ने बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बड़ा कदम उठाया है। ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया चलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया गया है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने घोषणा की है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों को ऑनलाइन सेफ्टी अमेंडमेंट (सोशल मीडिया मिनिमम एज) बिल 2024 के तहत सोशल मीडिया इस्तेमाल करने से रोक दिया जाएगा।

नए नियमों पर बात करते हुए प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने कहा, “ये कदम हमारे बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा के लिए है। डिजिटल दुनिया उनके मेंटल हेल्थ और विकास पर नेगटिव असर नहीं डालनी चाहिए।”

इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगा बैन


सरकार ने साफ कर दिया है कि नया नियम लगभग सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लागू किया जाएगा। ये कानून 10 दिसंबर 2025 से लागू होगा। इसके बाद 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए Facebook, Instagram, TikTok, Snapchat, X (पूर्व में Twitter), YouTube, Reddit और Kick जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अकाउंट बनाना या फिर इसे चलाना गैरकानूनी माना जाएगा। अब इन कंपनियों को यूजर्स की उम्र की सटीक पहचान के लिए सख्त वेरिफिकेशन सिस्टम लागू करने होंगे।

क्यों लगाया गया बैन

यह नया कानून बच्चों को हार्मफुल ऑनलाइन कंटेंट से बचाने और जरूरत से ज्यादा स्क्रीन टाइम के नेगटीव असर को रोकने के लिए लाया गया है। रिसर्च में पता चला है कि सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल करने से बच्चों और किशोरों में चिंता, नींद की कमी और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में गिरावट जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कैसे वेरिफाई करेंगे?

सोशल मीडिया कंपनियां इन नए नियमों का पालन कराने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करेंगी। इन्हें तीन मुख्य केटगरी में बांटा गया है।

एज वेरिफिकेशन: इसमें यूजर्स को अपनी उम्र साबित करने के लिए कुछ डाक्युमेंट्स जमा करने पड़ सकते हैं, हालांकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सिर्फ सरकारी आईडी पर निर्भर नहीं रहेंगे।

एज एस्टिमेशन: इस प्रक्रिया में बायोमेट्रिक तकनीक, जैसे चेहरे या आवाज की पहचान के जरिए एज का अनुमान लगाया जा सकता है।

एज इन्फरेंस: इसमें प्लेटफॉर्म यूजर के ऑनलाइन बिहेवियर, जैसे उनकी लैग्वेंज, सर्च हिस्ट्री और सोशल नेटवर्क से जुड़ी एक्टिविटी को एनालिसिस विश्लेषण करके उम्र का अंदाजा लगाते हैं।

इन सभी तरीकों के बावजूद यह तय करना आसान नहीं है कि यूजर सच में 16 साल से बड़े हैं या नहीं, खासकर जब सिर्फ उनके चेहरे या शरीर की बनावट पर भरोसा किया जाए।

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