China spying US: अमेरिका ने चीन पर जासूसी का आरोप लगाया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने तीन बसों के बराबर बड़े गुब्बारे के जरिए चीन पर जासूसी का आरोप लगाया है। इससे दोनों देशों के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ने के आसार दिख रहे हैं। यह मामला ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एंटनी ब्लिंकेन चीन के दौरे पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। रक्षा मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बिडेन के कहने पर रक्षा सचिव लॉयड आस्टिन (Lloyd Austin) और मिलिट्री के टॉप अधिकारियों ने इसे निशाना बनाने की सोची लेकिन ऐसा करने पर जमीन पर ढेर सारे लोगों के लिए खतरा हो सकता था।
अब क्या स्थिति है जासूसी गुब्बारे की
अधिकारियों का कहना है कि स्पष्ट रूप से यह गुब्बारा जासूसी के लिए ही है। यह जासूसी गुब्बारा अमेरिका के उत्तर-पश्चिम में उड़ रहा है जहां अंडरग्राउंड ठिकानों में संवेदनशील एयरबेस और रणनीतिक मिसाइलें हैं। हालांकि रक्षा मंत्रालय का यह भी मानना है कि इससे फिलहाल कोई गंभीर खुफिया खतरा नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक यह गुब्बारा कितना खतरा पैदा कर सकता है, इसकी जांच के लिए लड़ाकू विमानों को भेजा गया था। रक्षा अधिकारियों का कहना है अमेरिकी हवाई सीमा में यह गुब्बारा दो दिन पहले घुसा था लेकिन अमेरिकी इंटेलीजेंस उससे पहले से इसे ट्रैक कर रहे हैं।
इस गुब्बारे से निपटने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन ने विकल्पों पर पूछा तो बुधवार को फिलीपींस में मौजूद ऑस्टिन ने रक्षा मंत्रालय के टॉप ऑफिसर्स से चर्चा की। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता पैट रायडर का कहना है कि यह गुब्बारा इतनी ऊंचाई पर है कि इससे फिलहाल हवाई जहाजों को भी खतरा नहीं है। यह मिलिट्री या जमीन पर रहने वाले आम लोगों के लिए भी खतरा नहीं है।
पहली बार चीन ने नहीं की है ऐसी हरकत
ऐसा पहली बार नहीं है कि चीन ने पहली बार जासूसी के लिए अमेरिका में गुब्बारे उड़ाए हों, बल्कि वह पहले भी ऐसी हरकत करता रहा है। हालांकि वरिष्ठ रक्षा अधिकारी के मुताबिक इस बार अमेरिकी एयरस्पेस में यह काफी लंबे समय तक है। इसे लेकर अमेरिकी संसद के स्पीकर केविन मैक्कार्थी (Kevin McCarthy) का कहना है कि चीन की यह हरकत अमेरिकी संप्रभुता को चुनौती है और अस्थिरता पैदा करने वाली है जिससे निपटा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में राष्ट्रपति बिडेन चुप नहीं रह सकते हैं।
जासूसी का यह मामला अमेरिकी के राज्य सचिव ब्लिंकेन की चीन यात्रा से कुछ दिनों पहले आया है। इससे पहले पिछले साल नवंबर 2022 में जी20 बैठक के अतिरिक्त अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी। हालांकि टॉप डिप्लोमैट की बात करें तो ब्लिंकेन का चीन दौरा 2018 के बाद से पहली बार किसी अमेरिकी टॉप डिप्लोमैट का एशियाई दौरा होगा।