चीन के हैकर्स ने अमेरिकी टेलीकॉम सर्विसेज कंपनी टी-मोबाइल सहित कई अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय टेलीकम्युनिकेशंस कंपनियों को निशान बनाया है। वॉल-स्ट्रीट जनरल ने इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से यह खबर दी है। इन हैकर्स का संबंध चीन की इंटेलिजेंस एजेंसी से बताया जा रहा है। चाइनीज हैकर्स टी-मोबाइल के डेटाबेस में सेंध लगाने में कामयाब हो गए। इस खुफिया ऑपरेशन की तैयारी एक महीने से चल रही थी। इसका मकसद मोबाइल फोन पर होने वाली बातचीत की उन संवेदनशील जानकारियों को हासिल करना था, जिसका इस्तेमाल चाइनीज खुफिया एजेंसी कर सकती है।
साइबर हमलों से बड़ा नुकसान नहीं
WSJ ने यह नहीं बताया है कि चाइनीज हैकर्स (Chinese Hackers) ने यह हमला कब किया। इस बीच, टी-मोबाइल के एक प्रवक्ता ने डब्ल्यूएसजी को बताया कंपनी टेलीकॉम इंडस्ट्री पर हुए इस हमले पर नजर रख रही है। उसने यह भी बताया कि इस हमले से टी-मोबाइल के सिस्टम और डेटा को बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा है। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन हमलों का ग्राहकों की जानकारियों पर असर पड़ने का भी कोई सबूत नहीं मिला है।
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अमेरिकी लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों को भी बनाया निशाना
खबर के मुताबिक, अभी यह पता नहीं चल पाया है कि हैकर्स ने टी-मोबाइल के ग्राहकों की कॉल और बातचीत की कितनी जानकारियां हासिल की हैं। इस बारे में रायटर्स की तरफ से मांगी गई ज्यादा जानकारी का टी-मोबाइल ने कोई जवाब नहीं दिया। 13 नवंबर को फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (FBI) और अमेरिकी साइबर वॉचडॉग एजेंसी CISA ने कहा कि चीन से जुड़े हैकर्स ने अमेरिकी लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों के सर्विलांस डेटा में सेंध लगाई थी। कई टेलीकॉम कंपनियों के डेटाबेस में सेंध लगाने के बाद उन्होंने ऐसे किया।