Covid in China: चीन में कोरोना वायरस की नई लहर से तबाही मची हुई है। अस्पताल में मरीजों की भीड़ लगी हुई है। लाखों लोग घरों में कैद होने के लिए मजबूर हो गए हैँ। ऑफिस और अन्य जगहों पर लोगों की जिंदगी अस्त व्यस्त हो गई है। कई लोग घर ही आइसोलेट हैं। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, चीन इस समय कोरोना के सब वेरिएंट BF.7, की मार से जूझ रहा है। बता दें कि B.-7, BA.5.2.1.7 का शॉर्ट फॉर्म है। जो कि कोरोना वेरिएंट BA.5.2.1.7 से म्यूटेट होकर बना है। जानकारों का कहना है कि कोरोना का यह वेरिएंट ओमीक्रोन के BA.1 और BA.2 जैसे सब वेरिएंट के मुकाबले ज्यादा तेजी से संक्रमण फैलाता है।
बीजिंग के Xiaotangshan अस्पातल के मेडिकल एक्सपर्ट Li Tongzeng ने ग्लोबल टाइम्स के साथ बातचीत में कहा कि ओमीक्रोन का BF.7 वेरिएंट संक्रमित लोगों के इम्यून सिस्टम को धोखा देने के के नजरिए से भी ज्यादा खतरनाक है। जिसको मेडिकल टर्म में इम्यून इस्केप कैपिबिलिटी (immune escape capability) कहते हैं।
चीन में क्यों तेजी से फैल रहा है कोरोना संक्रमण
बता दें कि इम्यून स्केप एक ऐसी थ्योरी है। जिसमें यह माना जाता है कि संक्रमित व्यक्ति का इम्यून सिस्टम किसी इन्फेक्शन फैलाने वाले एजेंट का प्रतिरोध करने में असफल हो जाती है। इसके अलावा जानकारों का यह भी कहना है कि ओमीक्रोन का BF.7 वेरिएंट का इम्क्यूबेशन पीरियड (incubation period) भी कम होता है। इसकी संक्रमण की दर भी बहुत ज्यादा होती है। यही वजह है कि चीन में अचानक कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। चीन की राजधानी बीजिंग (Beijing) में 70 फीसदी आबादी कोविड-19 (Covid-19) के चपेट में आ चुकी है। लोग तेजी से लोग संक्रमित हो रहे हैं।
ग्लोबल टाइम्स के साथ हुई बातचीत में Li Tongzeng ने आगे कहा कि डेल्टा वेरिएंट का बेसिक रिप्रोडक्शन नंबर (Basic Reproduction Number - R0) 5 से 6 के करीब होता है। जबकि ओमीक्रोन BF.7 का RO 10 के आसपास होता है। कहने का मतलब ये हुआ कि ओमीक्रोन के BF.7 से संक्रमित लोग औसतन 10 से 18.6 दूसरे लोगों में संक्रमण फैला सकते हैं। इनमें से तमाम संक्रमित लोग बिना लक्षण के हो सकते हैं। जो कि इस वायरस को और तेजी से आगे बढ़ा सकते हैं।
सबसे ज्यादा चिंता बढ़ाने वाली बात ये है कि ये दोनों ही सब-वेरिएंट्स वैक्सीन और नैचुरल तरीके से बनी इम्युनिटी को भी चकमा दे सकते हैं। यानी, आप भले ही पूरी तरह वैक्सीनेटेड हों या बूस्टर डो ले चुके हों या फिर पहले कोरोना से संक्रमित हो चुके हों। तब भी इन सब-वेरिएंट्स से आप फिर से संक्रमित हो सकते हैं। हेल्थ एक्पर्ट्स का कहना है कि आने वाले महीनों में कोरोना से 20 लाख लोगों की मौत हो सकती है।