India-Canada Row News: कनाडा के संसद भवन में भारतीय-कनाडाई समुदाय के लिए होने वाले वार्षिक दिवाली समारोह को अचानक से रद्द कर दिया गया है। विभिन्न मीडिया आउटलेट्स द्वारा रिपोर्ट की गई यह निर्णय कनाडा और भारत के बीच बढ़ते राजनयिक तनाव के बीच लिया गया है। खासकर पिछले साल खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत-कनाडा के रिश्तों में खटास बढ़ती जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत के साथ जारी राजनयिक गतिरोध के बीच कनाडा में विपक्ष के नेता पियरे पोलीवरे के कार्यालय ने पार्लियामेंट हिल में भारतीय-कनाडाई समुदाय के लिए होने वाले वार्षिक दिवाली कार्यक्रम रद्द कर दिया है।
कार्यक्रम के आयोजक ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ इंडिया कनाडा (OFIC) को 30 अक्टूबर को होने वाले दिवाली समारोह को रद्द करने के लिए कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं मिला है, जिसे मूल रूप से कंजर्वेटिव सांसद टॉड डोहर्टी द्वारा आयोजित किया जाना था। समूह ने विपक्ष के नेता पियरे पोलीवरे पर 'नस्लीय पक्षपात' का आरोप लगाते हुए एक खुले पत्र में इस मुद्दे को उठाया।
कनाडा द्वारा यह ताजा कदम ऐसे समय उठाया गया है जब पिछले साल खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर हाल के हफ्तों में भारत के साथ देश का तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। भारत और कनाडा के बीच संबंध उस समय सबसे खराब स्थिति में पहुंच गए जब ओटावा ने आरोप लगाया कि भारतीय राजनयिक खालिस्तान समर्थक आंदोलन के सदस्यों को निशाना बनाने के लिए आपराधिक गिरोहों का इस्तेमाल कर जानकारी एकत्र करने में शामिल थे।
इसके बाद भारत ने कनाडा की राजधानी ओटावा में अपने शीर्ष दूत को वापस बुला लिया। साथ ही कनाडा के छह राजनयिकों को नई दिल्ली से निकाल दिया। OFIC के अध्यक्ष शिव भास्कर ने पियरे पोलीवरे को एक पत्र लिखकर दिवाली समारोह को रद्द करने के इस निर्णय पर निराशा व्यक्त की है।
भारतीय प्रवासी समूह ने क्या कहा?
ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ इंडिया कनाडा के अध्यक्ष शिव भास्कर ने कार्यक्रम रद्द होने पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता के कार्यालय द्वारा इस कार्यक्रम के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि यह समारोह पिछले 23 वर्षों से आयोजित किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि इसमें हिंदू, बौद्ध, जैन और सिखों की भागीदारी देखी गई थी।
भास्कर ने कहा, "कनाडा और भारत के बीच की स्थिति ने हमें धोखा दिया है और हमें अन्यायपूर्ण तरीके से निशाना बनाया गया है।" उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने में कनाडाई नेताओं की विफलता पर चिंता जताई।
शिव भास्कर ने कहा, "भारतीय-कनाडाई लोगों को स्पष्ट संदेश गया कि हमें साथी कनाडाई के रूप में नहीं, बल्कि बाहरी लोगों के रूप में देखा जा रहा है।"
उन्होंने कहा, "उनकी भागीदारी रद्द करके हमारे राजनीतिक नेता कनाडाई भारतीय समुदाय और भारतीय सरकार की कार्रवाइयों के बीच आवश्यक अंतर करने में विफल रहे हैं।"
भास्कर ने कनाडा में अंतर्निहित नस्लवाद और भेदभाव के बारे में भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि दिवाली समारोह को रद्द करना "अभी भी मौजूद प्रणालीगत पूर्वाग्रहों" को रेखांकित करता है।