Tesla Inc CEO Elon Musk : टेस्ला इंक के सीईओ एलॉन मस्क ने गुरुवार को अमेरिका के सिक्योरिटीज रेगुलेटर (US securities regulator) पर बड़ा हमला किया। मस्क ने अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) को “बास्टर्ड” बताते हुए कहा कि वर्ष 2018 में उन्हें फ्रॉड के आरोपों पर गलती मानने के लिए मजबूर किया गया था। दरअसल, टेस्ला के सीईओ 2018 के कंपनी को प्राइवेट बनाने से जुड़े ट्वीट्स को लेकर लगे फ्रॉड के आरोपों पर सफाई दे रहे थे।
मस्क ने गुरुवार को ही सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर (Twitter Inc) के अधिग्रहण के लिए 43 अरब डॉलर का ऑफर दिया था। इसी दिन मस्क ने वैंकूवर में टेड कॉन्फ्रेंस में संबोधन के दौरान SEC से जुड़ी अपनी शिकायतों को सामने रखा।
मस्क ने 2018 में किया था यह ट्वीट
मस्क को एसईसी से करना पड़ा था समझौता
SEC ने सितंबर 2018 में मस्क पर 'गुमराह करने वाले ट्वीट' के जरिये सिक्योरिटीज फ्रॉड का आरोप लगाया। एसईसी ने दलील दी, वास्तव में मस्क जानते थे कि यह ट्रांजेक्शन "अनिश्चित है और कई बातों पर निर्भर है।"
एसईसी ने कहा था, "एक सीईओ के लिए सच्ची और सटीक जानकारी देना जरूरी है। यह स्टैंडर्ड सोशल मीडिया या दूसरे गैर पारंपरिक प्लेटफॉर्म पर की जाने वाली पोस्ट पर भी लागू होते हैं।" इसके चलते मस्क को एसईसी के साथ समझौता करना पड़ा था और उन पर 4 करोड़ डॉलर की पेनाल्टी भी लगी थी। साथ ही चेयरमैन पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
समझौते के लिए किया गया था मजबूर : मस्क
दुनिया के सबसे अमीर शख्स ने कहा कि ट्वीट्स के समय अपनी इलेक्ट्रिक कार कंपनी को प्राइवेट करने के लिए फंडिंग सुरक्षित थी, लेकिन एजेंसी ने “फिर भी अपनी जांच जारी रखी।” मस्क ने श्रोताओं से कहा, “इस प्रकार, मुझे गलत तरीके से एसईसी (SEC) की बात मानने को मजबूर किया गया। वे बास्टर्ड हैं।”
मस्क ने कहा कि वह एसईसी के साथ समझौते के लिए मजबूर हो गए, क्योंकि बैंकों ने कैपिटल देने पर रोक लगाने की धमकी दी थी। यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया होता तो टेस्ला (Tesla) दिवालिया हो जाती।
मस्क ने कहा, यह आपके बच्चे के सिर बंदूक रखने जैसा था। मस्क ने कहा, “मुझे यह स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया कि मैंने टेस्ला को बचाने के लिए झूठ बोला था और यही एक मात्र सही वजह है।” एसईसी के एक स्पोक्सपर्सन ने इस मामले में अभी तक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
ट्विटर की खरीदी है 9 फीसदी हिस्सेदारी
मस्क ने पिछले शनिवार को ट्विटर में 9 फीसदी हिस्सेदारी के ऐलान के बाद उसके बोर्ड में शामिल होने के अनुरोध को खारिज कर दिया था। हालांकि, सिक्योरिटीज एक्सपर्ट्स के मुताबिक, उन्हें 5 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी होने के बाद इसका खुलासा करना चाहिए था और इसको लेकर उनके खिलाफ रेगुलेटर की तरफ से जांच शुरू होने का अनुमान है।