Credit Cards

एलॉन मस्क ने ट्रंप को जिताने के लिए खर्च कर डाले 21000000000 रुपए!

फेडरल फाइलिंग से ये पता चला है कि मस्क ने ट्रंप को राष्ट्रपति पद जीतने में मदद करने के लिए इस साल हुए चुनाव के आखिरी महीनों में 250 मिलियन डॉलर यानि करीब 2100 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए हैं। भले ही ये रकम मस्क की वेल्थ का एक छोटा सा हिस्सा है, लेकिन फिर भी ये किसी सिंगल डोनर की ओर से दी गई बहुत बड़ी रकम है, जिसने सभी को चौंका दिया

अपडेटेड Dec 06, 2024 पर 4:05 PM
Story continues below Advertisement
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 में डोनाल्ड ट्रंप को जिताने के लिए एलॉन मस्क ने 250 मिलियन डॉलर से ज्यादा खर्च किए

जब से डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव जीता है, तब से हर किसी का यही कहना है कि इस जीत का सबसे ज्यादा फायदा आने वाले समय में दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलॉन मस्क को होने वाला है। जाहिर है फायदा तो होना बनता भी है, क्योंकि उन्होंने ट्रंप की जीत के लिए अरबों डॉलर जो खर्च किए हैं। फेडरल फाइलिंग से ये पता चला है कि मस्क ने ट्रंप को राष्ट्रपति पद जीतने में मदद करने के लिए इस साल हुए चुनाव के आखिरी महीनों में 250 मिलियन डॉलर यानि करीब 2100 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए हैं।

भले ही ये रकम मस्क की वेल्थ का एक छोटा सा हिस्सा है, लेकिन फिर भी ये किसी सिंगल डोनर की ओर से दी गई बहुत बड़ी रकम है, जिसने सभी को चौंका दिया। तो अब आप खुद ही सोच सकते हैं अमेरिका की नई सरकार चुनने में अकेले मस्क का कितना बड़ा रोल होगा।

मस्क ने बनाई सुपर PAC


The New York Times के मुताबिक, गुरुवार को ही ये पता चला कि मस्क ने एक सुपर PAC बनाने के लिए ही 20 मिलियन डॉलर यानि एक अरब से ज्यादा रुपए खर्च कर डाले। इसका नाम सुप्रीम कोर्ट के दिवंगत उदारवादी जज रूथ बेडर गिन्सबर्ग के नाम पर रखा गया था। लेकिन इसका पैसा सिर्फ ये साबित करने के लिए खर्च किया गया कि ट्रंप अबॉर्शन पॉलिसी के खिलाफ नहीं हैं।

आगे बढ़ने से पहले ये जान लीजिए कि सुपर PAC क्या होती है। ये अमेरिका में पॉलिटिकल एक्शन कमेटी होती है, जिसके जरिए किसी कानूनी तौर पर कैंपेन या प्रचार के लिए बनाया जाता है, जिसके जरिए कितने भी व्यक्तियों या संगठनों से बिना किसी लिमिट के फंड यानि पैसा जुटाया जा सकता है। हालांकि, फंड देने वाला उम्मीदवार के कैंपेन या राजनीतिक दल के साथ सीधे तौर पर नहीं जुड़ सकता है।

हर हाल में बाइडन की हार चाहते थे एलॉन मस्क

फेडरल इलेक्शन कमिशन को दी गई जानकारी के अनुसार, मस्क ने अपने मेन सुपर PAC, अमेरिका PAC के लिए दान की गई रकम का बड़ा हिस्सा चुनाव के आखिरी हफ्ते में 25 मिलियन डॉलर के तीन चेक काटे।

NYT की रिपोर्ट के मुताबिक, इतना ही नहीं मस्क ने स्विंग स्टेट्स में वोटर्स को चेक करने के लिए 40.5 मिलियन डॉलर खर्च कर डाले, जिन्होंने संविधान के समर्थन में एक पिटीशन साइन की थी।

मस्क ये चाहते थे कि राष्ट्रपति जो बाइडन हर हाल में चुनाव हार जाएं। जुलाई में ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले के बाद उनका झुकाव रिपब्लिकन के राष्ट्रपति उम्मीदवार की तरफ काफी तेजी से बढ़ा।

वे इस हद तक इसमें लग गए कि उन्होंने पेंसिल्वेनिया में रिपब्लिकन उम्मीदवार के लिए कई बार प्रचार किया। पेंसिल्वेनिया को एक चुनावी युद्ध के मैदान के रूप में देखा जाता है और मस्क इस बात को अच्छे से समझते थे।

सरकार में बढ़ा मस्क का हस्तक्षेप

मस्क ने इलेक्शन डे के एक हफ्ते बाद 12 नवंबर को अमेरिका PAC को और 4 मिलियन डॉलर का दान दिया। वह ट्रंप के एजेंडे का समर्थन करके अपने सुपर PAC को एकदम एक्टिव रखना चाहते थे।

रिपोर्ट की मानें, तो चुनाव के बाद से मस्क का फ्लोरिडा में ट्रंप के प्राइवेट क्लब, मार-ए-लागो में आना जाना आम हो गया। सरकार में उनका हस्तक्षेप इस हद तक बढ़ गया कि फेडरल गवर्नमेंट में कितने सेक्रेटरी यानी मंत्री होंगे और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के कई निजी फैसलों में मस्क का दखल साफ दिखता है।

इसमें कहा गया कि कई बार ऐसे मौके भी आए, जब न सिर्फ ट्रंप के आस पास वाले लोग, बल्कि खुद नए राष्ट्रपति भी मस्क की लगातार मौजूदगी से कुछ उखड़े-उखड़े नजर आए, लेकिन इतनी रकम डोनेट करना और एक बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का मालिक होने के नाते उनसे जो फायदा मिला है, वो कहीं न कहीं तो भारी पड़ ही सकता है।

इस पूरे चुनाव में मस्क कितना पैसा पानी की तरह बहाया, इसका कोई सटीक आंकड़ा तो सामने नहीं आया और शायद कभी आए भी न। रिपोर्ट की मानें, तो उन्होंने इस दौरान कई राजनीतिक जांच में भी हस्तक्षेप किया, जिसमें रिपब्लिकन सीनेटर्स, सीनेट लीडरशिप फंड और सेंटिनल एक्शन फंड का चुनाव करने की कोशिश कर रहे दो ग्रुप्स को 12 मिलियन डॉलर देना शामिल था।

डार्क मनी वाली संस्थाओं को भी फाइनेंस किया

रिपोर्ट में कहा गया कि मस्क वैसे तो ट्रंप के लिए चुपचाप फंडिंग और समर्थन करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने कुछ डार्क मनी वाली संस्थाओं को भी फाइनेंस किया होगा, जो कभी भी उनकी डोनेशन का खुलासा नहीं करेंगे।

गुरुवार को ये खुलासा हुआ कि RBG PAC के सीक्रेट फंडिंग सोर्स मस्क ही थे। RBG PAC एक रिपब्लिकन ग्रुप है, जिसने ट्रंप की लिए काम किया था, लेकिन इसका नाम एक लिबरल न्यायविद के नाम पर रखा गया था।

मस्क से जुड़ी ट्रस्ट RBG PAC की एकलौती फंडर थी, जिसने गुरुवार देर रात फाइलिंग से पहले अपने दानदाताओं का खुलासा नहीं किया था। चुनाव के दौरान, ग्रुप ने यह तर्क देते हुए विज्ञापन चलाए थे कि अबॉर्शन पर ट्रंप की सोच फेमिनिस्ट आइकन जस्टिस गिन्सबर्ग से अलग नहीं था।

महिला वोटर्स को ट्रंप की ओर लाने की हुई कोशिश

सुपर PAC की वेबसाइट पर लिखा गया था, "ग्रेट माइंड्स थिंक अलाइक", जिसमें ट्रंप और जस्टिस गिन्सबर्ग की बड़ी-बड़ी तस्वीरें लगाई गई हैं। गिन्सबर्ग का निधन 2020 में चुका है।

उनके परिवार ने ऐसे विज्ञापनों का कड़ा विरोध किया। गिन्सबर्ग की पोती, क्लारा स्पेरा ने अक्टूबर में एक बयान में कहा कि परिवार ने उनकी दादी के नाम के इस्तेमाल की निंदा की है।

RBG PAC की कोशिश उन महिला मतदाताओं को आश्वस्त करने की थी, जो अबॉर्शन राइट के विरोध के कारण ट्रंप से नाराज थीं। जब ग्रुप ने इस तरह विज्ञापन चलाना शुरू किया, तो ऐसे संकेत मिले थे कि इसमें मस्क भी शामिल हैं। हालांकि, ग्रुप के लीडिर मे मेलमैन कई बार TV पर मस्क का बचाव करते नजर आए।

'कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाओ' ट्रंप ने निकाली भारत को आंख दिखाने वाले ट्रूडो की हेकड़ी

 

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।