World Bank President David Malpass : वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट डेविड मालपास (David Malpass) ने कहा कि यूक्रेन में रूस के छेड़े गए युद्ध, उसके फूड और एनर्जी की कीमतों पर असर, फर्टिलाइजर आपूर्ति के चलते वैश्विक मंदी आ सकती है। मालपास ने यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक इवेंट में कहा कि एनर्जी की बढ़ती कीमतों के कारण दुनिया की चौथी बड़ी जर्मनी की अर्थव्यवस्था पहले से सुस्त हो गई है। वहीं कम फर्टिलाइजर के उत्पादन से दूसरे देशों में हालात बिगड़ सकते हैं।
यूक्रेन पर रूस के हमले के प्रभावों के चलते, वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने 2022 के लिए अपने ग्लोबल ग्रोथ के अनुमान को अप्रैल में लगभग 1 फीसदी घटाकर 3.2 फीसदी कर दिया है, जो पहले 4.1 फीसदी था।
सुस्त हो सकती है यूरोप, अमेरिका और चीन की ग्रोथ
मालपास ने खास अनुमान जारी किए बिना कहा, “जब हम ग्लोबल जीडीपी को देखते हैं तो अभी यह बताना मुश्किल है कि मंदी से कैसे बचा जा सकता है।”
वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट के मुताबिक, यूक्रेन और रूस की इकोनॉमी में खासी गिरावट आने का अनुमान है, जबकि यूरोप, चीन और अमेरिका ज्यादा सुस्त रफ्तार से आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि फर्टिलाइजर, खाद्य भंडारों और एनर्जी स्रोतों के चलते विकासशील देशों को ज्यादा मुश्किल हो रही है।
एनर्जी की कीमतें दोगुनी होने से आ जाएगी मंदी
वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट ने कहा, “एनर्जी की कीमतें दोगुनी का विचार ही अकेला मंदी को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त है।”
वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट के मुताबिक, कोविड-19 महामारी, महंगाई और पहले से मौजूद रियल एस्टेट से जुड़े मुद्दों के चलते चीन में असाधारण रूप से ग्रोथ सुस्त हो रही है। दूसरी तरफ, मालपास ने इस बात के कोई संकेत नहीं दिए कि मंदी की शुरुआत कब होगी।
वर्ल्ड बैंक ने भारत में कोविड-19 से प्रभावित एमएसएमई कंपनियों को सहयोग के लिए जून, 2021 में 50 करोड़ डॉलर के प्रोग्राम को मंजूरी दी थी। सरकार के 3.4 अरब डॉलर के एमएसएमई कॉम्पिटीटिवनेस प्रोग्राम का उद्देश्य 5,55,000 एमएसएमई के प्रदर्शन में सुधार करना है।