हमास ने अपने ही सदस्यों के साथ कुछ ऐसा किया, जिसका शायद ही किसी को अंदाजा होगा। द न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट से पता चला है कि उसने अपने ही सदस्यों को समलैंगिक यौन संबंध में दोषी पाए जाने के बाद उन्हें मौत के घाट उतार दिया। इनमें से कुछ सदस्यों को कुछ पुरुष इजराइली पीड़ितों के साथ बलात्कार करने का भी दोषी पाया गया था, जिन्हें 7 अक्टूबर के हमले में बंदी बना लिया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकी समूह के पास उन रंगरूटों की एक लिस्ट थी, जिनके बारे में कहा गया था कि वे समलैंगिक संबंधों में शामिल होकर हमास की "नैतिकता जांच" में विफल रहे थे।
दस्तावेज़ में 94 हमास रंगरूटों के नाम लिस्टेड हैं, जिन्होंने कथित तौर पर "अपराध" किए थे, जिसमें "बिना कानूनी संबंध वाली लड़कियों के साथ छेड़खानी", "समलैंगिक बातचीत" और "सोडोडोमी" के साथ-साथ बाल बलात्कार और यातना के गंभीर आरोप शामिल थे।
इनमें से ज्यादातर हमास लड़ाके आतंकवादी संगठन के आंतरिक मंत्रालय, खुफिया और सेना में शामिल थे।
2012 और 2019 के बीच के दस्तावेज में बताए आरोपों और लिस्ट में भर्तियों को उनके कामों के कारण हमास के साथ उनके आगे के जुड़ाव के लिए "अस्वीकार्य" माना गया। रिपोर्ट के अनुसार, यह साफ नहीं है कि "अस्वीकार्य" भर्तियों का क्या हुआ।
गाजा में, समलैंगिकता अवैध है और इसके लिए जेल और यहां तक कि मौत की सजा भी हो सकती है। गुमनाम सूचना मिलने के बाद आतंकवादी संगठन ने लिस्टेड कथित समलैंगिक हमास सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की।
रिपोर्ट में अलग-अलग उदाहरण भी शामिल हैं, जब 7 अक्टूबर को इजरायली पुरुष बंधकों के साथ हमास के पुरुष लड़ाकों ने बलात्कार तक किया था।
समलैंगिक यौन संबंध के लिए अपने कमांडर को फांसी दी
2016 में हमास के पूर्व कमांडर महमूद इश्तिवी को समलैंगिक यौन संबंध का दोषी पाए जाने पर फांसी दे दी गई थी। दस्तावेज से पता चलता है कि इश्तिवी ने कबूल किया था। इसमें बताया गया कि इसके लिए उसे एक साल क्रूर सजा दी गई, जिसमें उसे गाजा जेल में घंटों तक अपने अंगों के सहारे लटकाए रखा था। इसके बाद उसके सीने में तीन गोलियां मारकर उसे मार डाला गया।
न्यूयॉर्क पोस्ट वन से बात करते हुए इजराइल फंड के शिक्षा निदेशक और इजराइली कार्यकर्ता ईव हैरो ने कहा, "यहां तक कि अपने समाज के भीतर भी, जो लोग हमास की चरमपंथी विचारधारा के अनुरूप नहीं हैं - चाहे महिलाएं, पत्रकार, कार्यकर्ता या अल्पसंख्यक समूह - उत्पीड़न, कारावास या यहां तक कि उन्हें फांसी भी दे दी जाती है।"