जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर जानलेवा हमले की कोशिश से लोग स्तब्ध हैं। दो साल पहले आबे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में उनकी हत्या के मकसद को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस पर बहस शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद जानलेवा हमला चौंकाने वाला है। आम तौर पर जापान में इस तरह की घटनाएं नहीं होती हैं।
कुछ एनालिस्ट्स का कहना है कि बैंक ऑफ जापान (BOJ) की बहुत उदार मॉनेटरी पॉलिसी से लोग खुश नहीं हैं। आबे को BOJ के गवर्नर Haruhiko Kuroda की पॉलिसी का बड़ा सपोर्टर माना जाता है।
शुक्रवार को आबे पर जानलेवा हमले की खबर आने के बाद जापान की करेंसी येन में 0.5 फीसदी की मजबूती देखने को मिली। बैंक ऑफ जापान की पॉलिसी का सीधा असर येन पर पड़ा है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि येन में और मजबूती आ सकती है और स्टॉक मार्केट में गिरावट आ सकती है।
आबे ने बतौर प्रधानमंत्री जापान की इकोनॉमी को सहारा देने के लिए मॉनेटरी पॉलिसी को उदार बनाने पर जोर दिया था। उन्होंने कई रिफॉर्म्स भी किए थे। कुछ जानकारों का कहना है कि आबे की हत्या की कोशिश का BOJ की पॉलिसी पर असर नहीं पड़ेगा। रविवार को जापान के ऊपरी सदन के लिए चुनाव होने वाले हैं। आबे इस चुनाव के लिए एक उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार कर रहे थे।
आबे पर हमले की खबर का असर जापान के स्टॉक एक्सचेंज पर पड़ा। बाजार में गिरावट देखने को मिली। इंडियन समय के अनुसार 12:40 बजे जापान स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निक्केई (Nikkei 225) 0.10 फीसदी की मामूली तेजी के साथ 26,517 अंक पर था।
Sison Asset Management के पोर्टफोलियो मैनेजर Tetsuo Seshimo ने कहा कि आबे Abenomics के लिए मशहूर थे। बीओजी के गवर्नर कुरोदा को उनका समर्थन हासिल था। मॉनेटरी पॉलिसी को उदार बनाने की आबे की पॉलिसी उनके खिलाफ गुस्से की वजह हो सकती है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि आबे अब प्रधानमंत्री नहीं हैं। इसलिए अभी की इकोनॉमिक पॉलिसी के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं माना जा सकता। हालांकि, इस स्तब्धकारी घटना का असर थोड़े समय के लिए मार्केट पर पड़ सकता है। लेकिन लंबी अवधि में इसका असर नहीं पड़ेगा।