मुनचिन का हश्र देख अगले फेड चेयरमैन का नाम सलेक्ट नहीं करना चाहते स्कॉट बेसेंट, जानिए स्टीवन मुनचिन के साथ क्या हुआ था

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन पद पर जेरोम पॉवेल की नियुक्ति 2018 में हुई थी। तब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे। पॉवेल का नाम ट्रंप के तत्कालीन वित्तमंत्री स्टीवन मुनचिन ने फाइनल किया था। लेकिन, ट्रंप के मना करने के बावजूद पॉवेल के इंटरेस्ट रेट बढ़ाने से ट्रंप उनसे चिढ़ गए थे। इससे मुनचिन से उनके रिश्ते खराब हो गए थे

अपडेटेड Sep 08, 2025 पर 11:08 PM
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फेडरल रिजर्व का अगला चेयरमैन जो व्यक्ति बनेगा उस पर काफी दबाव होगा। ट्रंप बार-बार कहते रहे हैं कि वह चाहते हैं कि फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट में जल्द ज्यादा कमी करे।

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट नहीं चाहते कि उनका हश्र पूर्व वित्तमंत्री स्टीवन मुनचिन जैसा हो। दरअसल, मुनचिन जब वित्तमंत्री थे तो उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के बतौर राष्ट्रपति पहले कार्यकाल में फेडरल रिजर्व के चेयरमैन पद के लिए जेरोम पॉवेल का चुनाव किया था। यह सेलेक्शन उन पर काफी भारी पड़ा। आज वह उन लोगों में शामिल नहीं हैं, जिन पर ट्रंप भरोसा करते हैं। इसलिए बेसेंट फेड के अगले चेयरमैन के चुनाव में काफी सावधानी बरत रहे हैं।

नए फेड चीफ के सेलेक्शन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है

Scott Bessent ने फेड के चेयरमैन पद पर नियुक्ति के लिए पिछले महीने उम्मीदवारों के इंटरव्यू शुरू किए थे। उम्मीदवारों की इस लिस्ट में करीब एक दर्जन नाम हैं। लेकिन, ऐसा लगता है कि बेसेंट किसी एक नाम पर जोर देने नहीं जा रहे। दरअसल, 2018 में मुनचिन ने पॉवेल के नाम पर जोर दिया था। पॉवेल पहले चार साल के लिए फेड चेयरमैन नियुक्ति किए गए। फिर 2022 में उनका कार्यकाल और 4 साल के लिए बढ़ा दिया गया। तब जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति थे।


ट्रंप लगातार पॉवेल पर इंटरेस्ट घटाने का दबाव बनाते रहे हैं

इस साल जनवरी में दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप ने इंटरेस्ट रेट में कमी के लिए पॉवेल पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। हालांकि, उनके इस दबाव का पॉवेल पर असर नहीं पड़ा है। पॉवेल ने ट्रंप को खुश करने की जगह अमेरिकी इकोनॉमी के हित को ध्यान में रख फैसले लेने को प्राथमिकता दी है। इससे नाखुश ट्रंप कई बार सार्वजनिक रूप से पॉवले के बारे में ऐसी बातें कहते रहे हैं, जो किसी राष्ट्रपति के लिए सही नहीं कही जा सकतीं। केंद्रीय बैंक के प्रमुख के कामकाज में राष्ट्रपति का हस्तक्षेप करना या उन पर किसी तरह का दबाव बनाना ठीक नहीं है।

बेसेंट कुछ उम्मीदवारों की लिस्ट ट्रंप को सौंप सकते हैं

फेड के नए चेयरमैने के सेलेक्शन प्रोसेस से जुड़े लोगों के मुताबिक, बेसेंट कुछ उम्मीदवारों के नाम शॉर्टलिस्ट कर लिस्ट ट्रंप को सौंप सकते हैं। वह किसी उम्मीदवार के पक्ष या विपक्ष में अपनी राय ट्रंप को देने नहीं जा रहे हैं। लिस्ट में वह किसी तरह की रैंकिंग भी नहीं देना चाहते। इसका सीधा मतलब है कि वह इस बारे में अंतिम फैसला ट्रंप पर छोड़ना चाहते हैं। ट्रंप के पूर्व अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की। इस बारे में पूछे गए सवालों के जवाब अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने नहीं दिए।

ट्रंप ने कुछ उम्मीदवारों के नाम के बारे में संकेत दिए थे

ट्रंप ने 5 सितंबर को संवाददाताओं से कहा था कि उन्हें पता है कि वह किसे अगला फेड चेयरमैन नियुक्त करने जा रहे हैं। उन्होंने ऐसे तीन शीर्ष उम्मीदवारों के नाम भी बताए थे। इनमें नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के डायरेक्टर केविन हैसेट, फेड गवर्नर क्रिस्टोफर वॉलर और फेड के पूर्व अधिकारी केविन वार्श के नाम शामिल थे। अमेरिकी वित्त मंत्री के पूर्व अधिकारी और बीकर पॉलिसी एडवाइजर्स के मैनेजिंग पार्टनर स्टीफन मायरो ने कहा, "बेसेंट इस बार मुनचिन के मुकाबले काफी सावधानी बरतते नजर आ रहे हैं। खुद अपना पता साफ नहीं हो, इसके लिए यह सही स्ट्रेटेजी है।"

अगले फेड चेयरमैन पर काफी ज्यादा दबाव होगा

फेडरल रिजर्व का अगला चेयरमैन जो व्यक्ति बनेगा उस पर काफी दबाव होगा। ट्रंप बार-बार कहते रहे हैं कि वह चाहते हैं कि फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट में जल्द ज्यादा कमी करे। इनवेस्टर्स इसके खिलाफ हैं। उनका मानना है कि ऐसा होने पर बॉन्ड मार्केट में अफरा-तफरी मच जाएगी। साथ ही इनफ्लेशन के बढ़ने का खतरा पैदा हो जाएगा।

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मुनचिन का हश्र देख बेसेंट बरत रहे काफी सावधानी

मुनचिन ने सोचसमझकर जेरोम पॉवेल का नाम फेड चेयरमैन के लिए फाइनल किया था, लेकिन ट्रंप के मना करने के बावजूद पॉवेल के इंटरेस्ट रेट बढ़ाने पर ट्रंप से उनके रिश्ते खराब हो गए। बाद में ट्रंप ने पॉवेल को फेड चीफ के रूप में सेलेक्ट करने के लिए मुनचिन की आलोचना तक कर डाली थी। ट्रंप के साथ काम कर चुके एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि अक्सर ट्रंप इसके लिए मुनचिन पर चिल्लाया करते थे। एक बार तो ट्रंप ने मुनचिन को पद से हटाने तक के बारे में सोच लिया था।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Sep 08, 2025 10:57 PM

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