रूस से डिलीवरी कैंसिल हो जाने के बाद इंडिया को ज्यादा कीमत पर लिक्विफायड नेचुरल गैस (LNG) खरीदनी पड़ी है। गेल इंडिया (GAIL India) ने पिछले साल के मुकाबले दोगुनी कीमत पर एलएनजी के कई कार्गो खरीदे हैं। अक्टूबर से नवंबर के बीच इसकी डिलीवरी होगी।
रूस से डिलीवरी कैंसिल हो जाने के बाद इंडिया को ज्यादा कीमत पर लिक्विफायड नेचुरल गैस (LNG) खरीदनी पड़ी है। गेल इंडिया (GAIL India) ने पिछले साल के मुकाबले दोगुनी कीमत पर एलएनजी के कई कार्गो खरीदे हैं। अक्टूबर से नवंबर के बीच इसकी डिलीवरी होगी।
इंडिया पहले Gazprom PJSC की पूर्व ट्रेडिंग इकाई से गैस खरीद रहा था। इस साल की शुरुआत में जर्मनी ने इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया। इससे इंडिया को गैस की सप्लाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। Gazprom की इकाई गैस की सप्लाई नहीं करने के एवज में कॉन्ट्रैक्ट की शर्त के मुताबिक जुर्माना चुका रही है।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से नेचुरल गैस की कीमतों में बहुत उछाल आया है। इसका सबसे ज्यादा असर विकासशील देशों पर पड़ा है। उन्हें अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए ऊंची कीमत चुकानी पड़ रही है। इसका असर इन देशों में इनफ्लेशन पर पड़ रहा है।
गेल ने एलएनजी सप्लाई डील के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए। उसने पिछले हफ्ते एलएनजी के तीन शिपमेंट खरीदे। यह डील 40 डॉलर प्रति एमबीटूयू से ज्यादा कीमत पर हुई है। यह इंडिया के लिए एलएनजी की सबसे ज्यादा कीमत है।
गेल ने 2018 में सिंगापुर में Gazprom के मार्केटिंग डिविजन से रियायत के साथ 20 साल की डील की थी। यह यूनिट टेक्निकल Gazprom Germania GmbH का हिस्सा थी। जर्मनी के रेगुलेटर ने इसे अप्रैल में सीज कर लिया था। इसका नाम बदलकर सेक्योरिंग एनर्जी फॉर यूरोप जीएमबीएच कर दिया गया।
नई कंपनी अब रूस के यमल पेनुसुला से फ्यूल हासिल नहीं कर सकती। उसने कहा है कि उसके पास इंडिया को सप्लाई करने के लिए फ्यूल नहीं है। यह गेल को कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी पेनाल्टी चुका रही है। यह मौजूदा स्पॉट प्राइस का छोटा हिस्सा हो सकता है।
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