भारत ने रूस से तेल खरीदने से जुड़ी आलोचनाओं पर अमेरिका को तगड़ा जवाब दिया है। भारत ने साफ कहा कि वह एक महीने में रूस से जितना तेल खरीदता है, उससे ज्यादा तो यूरोपीय देश एक दिन में ही खरीद लेते हैं। भारत ने कहा कि अमेरिका को इस मसले पर पहले अपने सहयोगी यूरोपीय देशों को सलाह देनी चाहिए।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस मसले पर भारत का रुख सामने रखा। जयशंकर इन दिनों 2+2 वार्ता के लिए अमेरिका के दौरे पर हैं। भारतीय विदेश मंत्री ने सभी दबाव को धता बताते हुए साफ कहा कि हमारे ऊपर रूस से तेल नहीं खरीदने के लिए दबाव बनाना पूरी तरह से अतार्किक है।
'अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत खरीद रहा तेल'
विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका मीडियाकर्मियों से कहा कि भारत अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए रूस से तेल का आयात कर रहा है। अगर गौर से देखा जाए तो भारत जितना एक महीने में तेल आयात करता है, उतना यूरोप हर रोज रूस से आयात करता है। बता दें यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच अमेरिका सहित तमाम पश्चिमी देश अन्य देशों से रूस का तेल नहीं खरीदने के लिए कह रहे हैं।
रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर एस जयशंकर ने कहा कि संक्षिप्त रूप से हम इस टकराव के खिलाफ हैं। भारत बातचीत और कूटनीति का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि यूक्रेन में तत्काल हिंसा रुके। इस दिशा में लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम अपना योगदान देने के लिए हर तरह से तैयार हैं।
अमेरिका पहले ही दे चुका है सफाई
अमेरिका की ओर से पहले भी साफ किया जा चुका है कि रूस से तेल का आयात प्रतिबंधित नहीं है। पिछले हफ्ते, व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने एक मीडिया ब्रीफिंग में यह भी स्पष्ट किया था कि रूस से भारत का ऊर्जा आयात कुल आयात का लगभग 1-2 फीसदी है।
वाशिंगटन ने कहा है कि मॉस्को पर दबाव बनाने के लिए यह आयात पर प्रतिबंध लगाने का देश का व्यक्तिगत निर्णय है। रूस ने अब तक मार्च में भारत को हर दिन 360,000 बैरल तेल का निर्यात किया है, जो 2021 के औसत से लगभग चार गुना अधिक है।