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'ट्रंप को डेडिकेट करती हूं नोबेल शांति पुरस्कार', मारिया कोरिना मचाडो ने अब कही ये बात

Maria Corina Machado : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार खुद को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने की वकालत कर रहे थे। ट्रंप का दावा है कि उन्होंने सात से ज्यादा युद्ध रुकवाए हैं। इसलिए उन्हें यह पुरस्कार दिया जाना चाहिए

अपडेटेड Oct 10, 2025 पर 10:10 PM
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नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मारिया कोरिना मचाडो ने अपना पुरस्कार डोनाल्ड ट्रंप को समर्पित किया है।

Maria Corina Machado: डोनाल्ड ट्रंप भले ही 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार नहीं जीत पाए हों, लेकिन वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो ने ट्रंप की खुलकर तारीफ की।नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मारिया कोरिना मचाडो ने अपना पुरस्कार डोनाल्ड ट्रंप को समर्पित किया है। मचाडो ने एक्स पर अपनी पोस्ट में वेनेजुएला के लिए लड़ाई में समर्थन के लिए ट्रंप का आभार भी जताया। वेनेजुएला में विपक्ष की नेता ने कहा कि प्रेसीडेंट निकोलस मदुरो की तानाशाही से लड़ते हुए हमारे साथी अमेरिका की मदद को हमेशा तवज्जो देते थे।

मारिया कोरिना मचाडो ने की ट्रंप की तारीफ

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार खुद को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने की वकालत कर रहे थे। ट्रंप का दावा है कि उन्होंने सात से ज्यादा युद्ध रुकवाए हैं। इसलिए उन्हें यह पुरस्कार दिया जाना चाहिए। वहीं मारिया कोरिना मचाडो ने एक्स (X) पर लिखा, “वेनेज़ुएला के सभी नागरिकों के संघर्ष को मिली यह मान्यता हमें आज़ादी हासिल करने के अपने मिशन को पूरा करने की नई ऊर्जा देती है। हम जीत के बेहद करीब हैं, और आज पहले से ज्यादा हम राष्ट्रपति ट्रंप, अमेरिका के लोगों, लैटिन अमेरिका के देशों और दुनिया के लोकतांत्रिक देशों पर भरोसा करते हैं, जो हमारे आजादी और लोकतंत्र के सबसे मजबूत साथी हैं।” उन्होंने आगे कहा, “मैं यह पुरस्कार वेनेज़ुएला के पीड़ित लोगों और हमारे उद्देश्य के प्रति राष्ट्रपति ट्रंप के दृढ़ समर्थन को समर्पित करती हूं!”

नॉर्वे की नोबेल समिति ने मारिया कोरिना मचाडो को वेनेज़ुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को मजबूत करने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण बदलाव की वकालत करने के उनके लगातार प्रयासों के लिए सम्मानित किया है। पिछले साल हुए चुनावों में, जिन्हें व्यापक रूप से राष्ट्रपति मादुरो के पक्ष में धांधली बताया गया था, मचाडो को धमकियों का सामना करना पड़ा और उन्हें कुछ समय के लिए छिपना भी पड़ा। इसके बावजूद, वे आज भी वेनेज़ुएला की विपक्ष की एकजुटता और साहस का प्रतीक बनी हुई हैं।


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