जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर उनके समर्थकों के विरोध प्रदर्शन से पहले पाकिस्तान की राजधानी में रविवार को सुरक्षा कड़ी कर दी गई और करीब 48 घंटों का लॉकडाउन लगा दिया गया। इस्लामाबाद की ओर जाने वाले हाईवे को ब्लॉक कर दिया गया है, जहां से खान के समर्थक, उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के नेता शहर की ओर आएंगे और उनके संसद के पास इकट्ठा होने की उम्मीद है। शहर की ज्यादातर प्रमुख सड़कों को भी सरकार ने शिपिंग कंटेनरों से ब्लॉक कर दिया है और पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों की बड़ी टुकड़ियों को दंगा गियर में तैनात किया गया है, जबकि मोबाइल फोन सर्विस भी सस्पेंड कर दी गई हैं।
इस्लामाबाद पुलिस ने एक बयान में कहा, कानूनी धाराओं के तहत किसी भी तरह की सभा पर रोक लगा दी गई है। ग्लोबल इंटरनेट सर्विलांस संस्था NetBlocks ने X, पर कहा कि लाइव मेट्रिक्स से पता चलता है कि विरोध प्रदर्शनों से पहले WhatsApp मैसेजिंग सर्विस पर रोक लगा दी गई है।
इस्लामाबाद के गेट पर इकट्ठा होने का आदेश
खान के एक प्रमुख सहयोगी, अली अमीन गंडापुर, जो खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री हैं, उन्होंने लोगों से शहर के रेड जोन के एंट्री गेट के पास इकट्ठा होने का आह्वान किया, जिसे "डी चौक" के नाम से जाना जाता है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस्लामाबाद में सबसे बड़े काफिले का नेतृत्व गंडापुर ही कर सकते हैं।
इस्लामाबाद के रेड जोन में देश का संसद भवन, महत्वपूर्ण सरकारी प्रतिष्ठान, साथ ही दूतावास और विदेशी संस्थानों के दफ्तर भी हैं।
पाकिस्तान सरकार से इस्तीफे की मांग
अली अमीन गंडापुर ने शनिवार को एक वीडियो मैसेज में कहा, "खान ने हमसे तब तक वहीं रहने का आह्वान किया है, जब तक हमारी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।"
PTI की मांगों में इमरान खान समेत उसके सभी नेताओं की रिहाई के साथ-साथ मौजूदा सरकार का इस्तीफा भी शामिल है, क्योंकि उसका कहना है कि इस साल चुनाव में धांधली हुई थी।
खान पिछले साल अगस्त से जेल में हैं और 2022 में संसद की तरफ से सत्ता से बाहर होने के बाद से उन पर भ्रष्टाचार से लेकर हिंसा भड़काने तक के कई आरोप हैं। हालांकि, उन्होंने और उनकी पार्टी ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है।
विरोध प्रदर्शनों से परेशान जनता
न्यूज एजेंसी Reuters के मुताबिक, इस्लामाबाद के रहने वाले 35 साल के मुहम्मद आसिफ ने एक बंद बाजार के सामने कहा, "ये लगातार विरोध प्रदर्शन अर्थव्यवस्था को नष्ट कर रहे हैं और अस्थिरता पैदा कर रहे हैं... हम चाहते हैं कि राजनीतिक नेतृत्व एक साथ बैठे और इन मामलों को सुलझाए।"
अक्टूबर की शुरुआत में PTI की ओर से इस्लामाबाद में आखिरी विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी, दर्जनों सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे और प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर झड़पें भड़काने का आरोप लगाया।