इजरायल की सेना ने गुरुवार को खुलासा किया कि सीरिया में अंडरग्राउंड सटीक मिसाइल प्रोडक्शन साइट को तबाह करने के लिए उसने एक अंडरकवर ऑपरेशन चलाया था। इस मिसाइल प्रोडक्शन साइट के लिए ईरान से फंड आ रहा था। IDF ने ऑपरेशन के दौरान का वीडियो फुटेज भी जारी किया। इजरायल के अनुसार, ऑपरेशन 8 सितंबर, 2024 को हुआ था। इजरायली वायु सेना ने कहा कि "स्पेशल एयर फोर्स ऑपरेशन" में 100 से ज्यादा किंगफिशर लड़ाकू विमान शामिल थे।
ऑपरेशन के फुटेज को शेयर करते हुए, इजरायली डिफेंस फोर्स ने X पर लिखा, "सितंबर 2024 में, असद शासन के पतन से पहले, हमारे सैनिकों ने सीरिया में ईरानी-फंडेड अंडरग्राउंड सटीक मिसाइल प्रोडक्शन साइट को नष्ट करने के लिए एक अंडरकवर ऑपरेशन चलाया।" IDF ने एक और पोस्ट में लिखा, "ऑपरेशन 8 सितंबर को हुआ।"
इजरायली एयर फोर्स ने भी एक फुटेज शेयर किया। इसके कैप्शन में लिखा, “अब हम खुलासा कर सकते हैं: 100 से ज्यादा किंगफिशर फाइटर्स ने पिछले सितंबर में एक स्पेशल एयर फोर्स के ऑपरेशन में, सीरिया के अंदर मसायाफ रीजन में सटीक मिसाइलों के प्रोडक्शन के लिए एक अंडरग्राउंड साइट पर छापा मारा और उसे नष्ट कर दिया।"
विमान, फाइटर जेट और नौसैनिक जहाजों से मिला फायर कवर
इरायली एयर फोर्स ने एक और पोस्ट में लिखा, “विमान, फाइटर जेट और नौसैनिक जहाजों के फायर कवर के साथ हेलीकॉप्टरों से हमारे लड़ाकू इलाके में उतरे। हमले का टारगेट सीरिया के अंदर एक अंडरग्राउंड साइट थी, जिसे ईरानी फंडिंग और समर्थन से बनाया गया था।"
इसने आगे कहा, “जवान सटीक मिसाइलें तैयार करने की महत्वपूर्ण मशीनरी तक पहुंच गए। उन्हें एक ग्रहीय मिक्सर, कई हथियार और खुफिया दस्तावेज भी मिले थे, जिन्हें जांच के लिए भेज दिया गया था। लड़ाकों ने कैंपस को नष्ट कर दिया और सुरक्षित अपने देश लौट आए।"
इसके बाद एक संबोधन में, वायु सेना कमांडर, मेजर जनरल तोमर बार ने कहा, “इस युद्ध के बीच, एक ऐसी घटना हुई, जो राज्य के अस्तित्व के लिए जरूरी थी। अब जब हम मिशन पूरा करके एक पल के लिए शांति से जमीन पर हैं, तो हम गर्व महसूस कर सकते हैं। हम आने वाली पीढ़ियों को बता सकते हैं कि हमने इजरायल की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण काम किया है।"
टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, इस ऑपरेशन को IDF ने 'ऑपरेशन मैनी वेज़' नाम दिया था और इसका मकसद लेबनान में हिज्बुल्लाह और सीरिया में असद शासन के लिए सटीक मिसाइलों के निर्माण के लिए ईरानी सेना की इस्तेमाल की जाने वाली अंडरग्राउंड साइट को नष्ट करना था।