अमेरिका (US) में जुलाई में उम्मीद से कहीं ज्यादा हायरिंग हुई। इसके साथ ही बेरोजगारी दर 3.5% (unemployment rate) महामारी के पहले के स्तर तक गिर गई। इससे अभी तक का सबसे मजबूत संकेत ये मिलता है कि अर्थव्यवस्था मंदी (Recession) में नहीं थी।
अमेरिका (US) में जुलाई में उम्मीद से कहीं ज्यादा हायरिंग हुई। इसके साथ ही बेरोजगारी दर 3.5% (unemployment rate) महामारी के पहले के स्तर तक गिर गई। इससे अभी तक का सबसे मजबूत संकेत ये मिलता है कि अर्थव्यवस्था मंदी (Recession) में नहीं थी।
श्रम विभाग ने शुक्रवार को अपनी बारीकी से देखी गई रोजगार रिपोर्ट में कहा कि पिछले महीने नॉनफर्म पेरोल में 528,000 नौकरियों की बढ़ोतरी हुई है। जून के डेटा में ये आंकड़ा 372,000 था, जिसमें बाद में बढ़ोतरी होने के बाद बदलाव कर 398,000 कर गया। जून में बेरोजगारी दर 3.6 फीसदी थी।
रॉयटर्स के एक पोल में अर्थशास्त्रियों ने 250,000 नौकरियों में बढ़ोतरी और बेरोजगारी दर 3.6% पर स्थिर रहने का अनुमान लगाया था। ये अनुमान कम से कम 75,000 से लेकर ज्यादा से ज्यादा 325,000 नौकरियों तक था।
रोजगार रिपोर्ट ने GDP में संकुचन के बैक-टू-बैक तिमाहियों के बावजूद काफी स्वस्थ अर्थव्यवस्था की तस्वीर सामने ला दी है। हाउसिंह और रिटेल जैसे संवेदनशील सेक्टर्स में लेबर की मांग कम हुई है, लेकिन एयरलाइंस और रेस्टोरेंट को पर्याप्त कर्मचारी नहीं मिल रहे हैं।
मजबूत नौकरी की बढ़ोतरी फेडरल रिजर्व पर सितंबर में अपनी अगली बैठक में तीसरी 75 बेसिस प्वाइंट की ब्याज दर में बढ़ावा करने का दबाव बना सकती है। हालांकि, बहुत कुछ इंफ्लेशन रीडिंग पर निर्भर करेगा।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने पिछले हफ्ते अपनी नीतिगत दर में तीन-चौथाई प्रतिशत की बढ़ोतरी की। इसने मार्च से उस दर में 225 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है।
पहली छमाही में अर्थव्यवस्था में 1.3% की गिरावट आई थी। इसका मुख्य कारण इन्वेंट्री में बड़े उतार-चढ़ाव और व्यापार घाटे के कारण ग्लोबल सप्लाई चेन में गिरावट थी। अभी भी रफ्तार धीमी है।
जून के अंत में 10.7 मिलियन नौकरी नई नौकरियों और प्रत्येक बेरोजगार व्यक्ति के लिए 1.8 ओपनिंग के साथ, श्रम बाजार तंग बना हुआ है और अर्थशास्त्रियों को इस साल पेरोल बढ़ोतरी में तेज गिरावट की उम्मीद नहीं है।
जून में 0.4% बढ़ने के बाद पिछले महीने औसत प्रति घंटा आय 0.5% बढ़ी। इससे मजदूरी में साल-दर-साल वृद्धि 5.2% हो गई। हालांकि सैलरी हाइक चरम पर है, लेकिन दबाव बना हुआ है। पिछले हफ्ते के आंकड़ों से पता चलता है कि दूसरी तिमाही में सालाना सैलरी हाइक 2001 के बाद सबसे तेज था।
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