NASA: हमारा ब्रह्मांड इतना बड़ा है कि अभी वैज्ञानिक इसे पूरी तरह खोज भी नहीं पाए हैं। लेकिन वैज्ञानिकों ने सौरमंडल के बाहर भी काफी खोज कर ली है। वैज्ञानिकों ने सौरमंडल के एक ग्रह की खोज की है। गृह का नाम WASP-18b है। इसकी खोज 2009 में की गई थी। ये पृथ्वी से 400 प्रकाश वर्ष दूर है। एस्ट्रोनॉमर्स को इसके वातावरण में भाप और गैस मिली है। 2009 में इसे ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS), हब्बल और स्पिट्जर टेलिस्कोप की मदद से खोजा गया था। जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप ने यहां पानी की खोज की है।
ये ग्रह बृहस्पति की तुलना के मुकाबले 10 गुना ज्यादा बड़ा दिखाई देता है। यहां एक साल 23 घंटे के बराबर है। इसे अल्ट्रा हॉट गैस जायंट कहा जा रहा है। WASP-18b पर तापमान करीब 2,700 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड किया गया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, तापमान ज्यादा होने की वजह से पानी भाप बन गया और वातारवरण में फैल गया। नासा ने बताया कि ग्रह हमेशा अपने तारे के सामने रहता है। ठीक वैसे ही जैसे चंद्रमा का एक हिस्सा हमेशा पृथ्वी के सामने होता है।
वहीं दूसरे ग्रह के का नाम WASP-39b है। WASP-39 b पर तापमान करीब 900 डिग्री सेल्सियस है। यह अपने तारे के काफी करीब चक्कर लगाता है। यहां एक साल 4 दिन के बराबर है। रिसर्चर्स के अनुसार ग्रह को 2011 में ही खोज लिया गया था। इसकी तस्वीर अब सामने आई है। सौर मंडल के बाहर एक्सोप्लैनेट WASP-39 b पर कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का पता लगाया था। ये ग्रह पृथ्वी से 700 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। ये ग्रह सूर्य के जैसे ही एक तारे के चारों ओर चक्कर लगा रहा है। WASP-39 b गैस के कारण बृहस्पति के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा फूला हुआ दिखाई देता है। जबकि इसका वजन बृहस्पति के वजन का एक चौथाई है। हालांकि, इसका डायमीटर (व्यास) बृहस्पति से 1.3 गुना ज्यादा है।
ये ग्रह हमारे सौर मंडल या आकाशगंगा से बाहर मौजूद है। इसीलिए इसे एक्सोप्लैनेट कहा जा रहा है। एक्सोप्लैनेट अपने आप में एक दुनिया है। ये सूर्य की जगह किसी और तारे की परिक्रमा करते हैं। नासा ने पिछले साल अंतरिक्ष में करीब 5000 एक्सोप्लैनेट होने की बात कही थी।