नेपाल की धरती आज (21 दिसंबर 2024) तड़के भूकंप के झटकों से कांप उठी। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.8 मापी गई है। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी से मिली जानकारी के मुताबिक सुबह 3.59 पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इन झटकों से लोगों में दहशत फैल गई। कुछ लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के झटकों से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं आई है। इसका केंद्र जुम्ला जिले में 10 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप का केंद्र अक्षांश 29.17 उत्तर और देशांतर 81.59 पूर्व पर 10 किलोमीटर की गहराई पर दर्ज किया गया।
पहाड़ी देश नेपाल में भूकंप का आना आम बात हो गई। 17 और 19 दिसंबर को भी यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। 19 दिसंबर को नेपाल के पार्शे से 16 किलोमीटर दूरी पर 4.2 और 17 दिसंबर को मेलबिसौनी से 23 किलोमीटर दूरी पर 4.4 तीव्रता के झटके महसूस किए गए। यूएसजीएस पर 20 दिसंबर के 10.29 बजे तक के अपडेट के मुताबिक, 5 तीव्रता के झटके जुम्ला के 62 किलोमीटर पश्चिम उत्तर पश्चिम में दर्ज किए गए थे।
धरती के ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी हैं। जहां भी ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं। वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है। भूकंप तब आता है, जब ये प्लेट्स एक-दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं। ऐसे में जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं, एक-दूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर होती हैं। तब ऐसी स्थिति में जमीन हिलने लगती है। इसे ही भूकंप कहा जाता है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता और क्या है मापने का पैमाना?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।