Britain New PM: भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) जल्द ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन सकते हैं। वह इस दौड़ में दूसरे उम्मीदवारों से आगे चल रहे हैं। कई दौर की वोटिंग के बाद ज्यादातर उम्मीदवार इस दौड़ से बाहर हो गए हैं। अब मुकाबल सुनक और लिज ट्रस (Liz Truss) के बीच है। सुनक ब्रिटेन के फाइनेंस मिनिस्टर थे। उन्होंने 5 जुलाई को इस पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) भी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ देने को मजबूर हो गए। आइए जानते हैं कौन हैं ऋषि सुनक।
ऋषि सुनक कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य हैं। वह 2020 में बोरिस जॉनसन की सरकार में फाइनेंस मिनिस्टर बने थे। तब कोरोना की महामारी शुरू हुई थी। सुनक पर ब्रिटेन की इकोनॉमी को कोरोना के असर से बचाने की जिम्मेदारी थी। वह काफी हद तक इस जिम्मेदारी को निभाने में सफल रहे। अगर बोरिस जॉनसन के प्रति पार्टी में असंतोष नहीं बढ़ता तो उन्हें इस्तीफा देने की जरूरत नहीं पड़ती।
सुनक की शादी अक्षता मूर्ति से हुई है। अक्षता इंफोसिस के को-फाउंडर एन आर नारायणमूर्ति की बेटी हैं। इंफोसिस इंडिया की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है। इसका अमेरिका, ब्रिटेन सहित दुनिया के कई देशों में बिजनेस हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स के मुताबिक, अक्षता मूर्ति के पास करीब 1.3 अरब डॉलर की संपत्ति है। इसमें इंडियन आईटी कंपनी Infosys में उनकी हिस्सेदारी का बड़ा हाथ है। 2011 से अब तक इंफोसिस के शेयर 2000 फीसदी चढ़ चुके हैं।
सुनक का जन्म 12 मई, 1980 को इंग्लैंड के साउथैम्पटन में हुआ था। उनके पिता यशवीर सुनक और उषा सुनक ईस्ट अफ्रीका से 1960 के दशक में ब्रिटेन आ गए थे। सुनक के दादा अविभाजित पंजाब प्रांत के रहने वाले थे। सुनक ने 2001 में ऑक्सफोर्ड के विंचेस्चर कॉलेज से फिलॉस्फी, पॉलिटिक्स और इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने फुलब्राइट स्कॉलरशिप पर 2006 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। यही उनकी मुलाकात अक्षता मूर्ति से हुई थी। दोनों की 2009 में शादी हो गई। उनके दो बच्चे हैं।
सुनक ने 2001 से 2004 के बीच इनवेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स में बतौर एनालिस्ट काम किया था। उन्होंने हेज फंड मैनेजमेंट फर्म चिल्ड्रेंस इनवेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट में भी काम किया है। वह 2006 में इस कंपनी के पार्टनर बन गए थे। उन्होंने 2010 में Theleme Partners ज्वाइन किया।
सुनक Richmond (Yorks) से 2015 में सांसद बने। फिर, 2017 में हुए चुनाव में वह दोबारा यह सीट जीतने में सफल रहे। वह ब्रिटेन में कई संसदीय कमेटी के सदस्य रह चुके हैं। अगर, वह प्रधानमंत्री बनते हैं तो उन पर ब्रिटेन के लोगों को साफ-सुथरी सरकार देने की जिम्मेदारी होगी। पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर कई तरह के आरोप लगे थे।