यूक्रेन से भागने की कोशिश कर रहे भारतीय छात्र वहां बड़ी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। यूक्रेन-पोलैंड बॉर्डर पर फंसे भारतीय छात्रों ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा है कि उन्हें पोलैंड बॉर्डर में घुसने की इजाजत नहीं दी जा रही थी। वहीं कुछ दूसरे छात्रों का आरोप है कि उन्हें शेयानी-मेडायका बॉर्डर प्वाइंट पर उनकी पिटाई भी की गई है। यह बॉर्डर यूक्रेन और पोलैंड को जोड़ता है।
छात्रों ने वीडियो और ऑडियो क्विप के जरिए यह बताया है कि पोलैंड में दाखिल होने की कोशिश करने वाले छात्रों को रोका जा रहा है। उनका कहना है कि कुछ लड़कियां किसी तरह पोलैंड में दाखिल हो भी गईं थी, जिनमें से कुछ को जबरदस्त ठंड के बावजूद लौटा दिया गया।
मुंबई की साक्षी इजांतकर लीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में फोर्थ ईयर MBBS स्टूडेंट हैं। अपनी आपबीती बताते हुए साक्षी ने कहा, "वे सिर्फ उक्रेन के लोगों को ही पोलैंड में दाखिल होने दे रहे हैं। जब हमने उनसे निवेदन किया तो उन्होंने लड़कियों को पोलैंड में दाखिल होने दिया। लेकिन लड़कों की उन्होंने पिटाई की। एक छात्र को अस्थमा था। उसे इतना पीटा गया कि सांस लेने में दिक्कत होने लगी।"
यूक्रेन पर रूस के हमले का आज चौथा दिन है। रूस की सेना यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में दाखिल हो चुके हैं। 27 फरवरी को वहां सड़कों पर लड़ाई चल रही है।
साक्षी ने एक ऑडियो मेसेज भेजकर मदद मांगी है। उन्होंने कहा, "कई लोग निराश होकर लीव वापस आ रहे हैं। मुझे उनके लिए डर लग रहा है जो जीरो से भी नीचे तापमान पर ट्रैवल कर रहे हैं।"
लीव, पश्चिमी यूक्रेन का एक शहर है। यह पोलैंड के बॉर्डर से 70 किलोमीटर दूर है। लीव यूनवर्सिटी के छात्र पैदल, बस और लिफ्ट लेकर घंटों का सफर करके पोलैंड बॉर्डर पहुंचे थे लेकिन उन्हें बॉर्डर पार नहीं करने दिया गया।
देखिए कुछ वीडियो जो भारतीय छात्रों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है।