Shinzo Abe Death: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) का निधन (Death) हो गई है। जापान के पब्लिक ब्रॉडकास्टर NHK WORLD NEWS ने बताया कि अधिकारियों का कहना है कि जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की मौत की पुष्टि हो गई है। शिंजो आबे को क्योटो के पास नारा शहर (City of Nara) में शुक्रवार को एक भाषण के दौरान गोली मार दी गई थी।
दरअसल शिंजो आबे पर देश के पश्चिमी हिस्से में चुनाव प्रचार में भाषण के दौरान शुक्रवार को गोली चलायी गई थी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि 67 साल के आबे को विमान से एक अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उस समय उनकी सांस नहीं चल रही थी और हृदय गति भी रुक गई थी।
पुलिस ने घटनास्थल से संदिग्ध हमलावर को भी गिरफ्तार कर लिया है। दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक माने जाने वाले जापान में यह हमला हैरान करने वाला है। जापान में बंदूक नियंत्रण के सख्त कानून लागू हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री आबे की ‘हालत गंभीर’ है। उन्होंने आबे के ठीक होने की उम्मीद जताई थी। किशिदा ने इस हमले को ‘कायराना और बर्बर’ बताया और कहा कि चुनावी अभियान के दौरान हुआ यह अपराध पूरी तरह अक्षम्य है।
घटना के तुरंत बाद किशिदा और उनके कैबिनेट मंत्रियों ने देशभर में चल रहे अपने चुनाव प्रचार अभियानों को बीच में ही रोक दिया था और टोक्यो लौट आए थे।
जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे शिंजो आबे
शिंजो आबे ने स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के कारण 2020 में प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। वह देश के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे।
जापान के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधान मंत्री शिंजो आबे अपनी तेजतर्रार विदेश नीति और एक आर्थिक रणनीति के लिए जाने जाते थे। इसे लोग "एबेनॉमिक्स" के नाम से जानते हैं।
67 साल के आबे ने लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) को जापान में दो बार जीत दिलाई। प्रधान मंत्री के रूप में उनका पहला कार्यकाल 2006 में शुरू हुए था। हालांकि, तब वह एक साल से थोड़ा ज्यादा समय तक ही प्रधानमंत्री रहे। उनका ये कार्यकाल विवादित भी रहा था।
लेकिन उन्होंने 2012 में सबको चौंकाते हुए राजनीतिक वापसी की। इस शानदार वापसी के सात वह 2020 तक सत्ता में रहे। इसी साल उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा भी दे दिया था।
जब आबे ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत की, तब जापान एक मंदी के दौर से गुजर रहा था। एक लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को फिर से उसके पैरों पर खड़ा करने के लिए शिंजो की आर्थिक नीति को श्रेय दिया जाता है।