Syria Civil War: सीरियाई विद्रोही दमिश्क में घुसे, विशेष विमान से भागे राष्ट्रपति अशद, सेना पीछे हटी, जानिए कैसे हैं हालात

Syria Civil War: सीरिया में पिछले 11 दिनों से विद्रोही गुटों और सेना में संघर्ष जारी है। इस बीच विद्रोही लड़ाके राजधानी दमिश्क में घुस चुके हैं। वहीं कई बड़े शहरों में भी कब्जा जमा लिया है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राष्ट्रपति बशर अल-असद विशेष विमान में सवार होकर किसी अज्ञात स्थान के लिए रवाना हो गए हैं

अपडेटेड Dec 08, 2024 पर 10:00 AM
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Syria Civil War: सीरिया में हो रहे इस गृह युद्ध पर अमेरिका ने हस्ताक्षेप करने से इनकार कर दिया है।

सीरिया में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। विद्रोहियों का कब्जा बढ़ता जा रहा है। सीरिया के बड़े शहर विद्रोहियों के कब्जे में आ चुके हैं। अलेप्पो, हमा, होम्स और दारा शहर में विद्रोही कब्जा जमा चुके हैं। इस बीच सीरिया की राजधानी दमिश्क में में घुस चुके हैं। दमिश्क में विद्रोही कमांडर अपने तोप और साजो-समान सहित पहुंच गए हैं। स्थानीय शहर के लोगों ने दावा किया है कि कई स्थानों पर कब्जे के लिए भीषण जंग चल रही है। सेना कमजोर पड़ गई है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति बशर अल-असद विशेष विमान में सवार होकर किसी अज्ञात स्थान के लिए रवाना हो गए हैं।

इधर सीरिया के सरकारी मीडिया ने सोशल मीडिया पर फैली उन अफवाहों का खंडन किया है कि राष्ट्रपति बसर अल असद देश छोड़कर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि वह राजधानी दमिश्क में अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। बता दें कि ऐसा पहली बार है। जब देश में विद्रोही 2018 के बाद सीरिया की राजधानी के बाहरी इलाके में पहुंच गए हैं।

एक ही दिन में चार शहरों पर कब्जा


सीरिया को शनिवार को एक ही दिन में चार शहर गंवाने पड़े हैं। दारा, कुनीत्रा, सुवेदा और होम्स अब विद्रोहियों के कब्जे में है। सीरिया के विद्रोही अब दमिश्क में भी कब्जा जमा चुके हैं। सीरियाई सेना शनिवार को दक्षिणी सीरिया के ज्यादातर हिस्से से हट गई है। जिससे दो प्रांतीय राजधानियों समेत देश के अधिक क्षेत्र विपक्षी लड़ाकों के नियंत्रण में आ गए हैं। भारत, अमेरिका, रूस और पाकिस्तान ने अपने नागरिकों को एडवाइजरी जारी की है। उसने लोगों से जल्द से जल्द निकलने का आग्रह किया है। इसके अलावा लोगों को सीरिया की यात्रा से बचने को कहा है। अमेरिका ने कहा है कि वह सीरिया के युद्ध में नहीं कूदेगा। लेकिन ISIS को फिर उठने से रोकने के लिए सबकुछ करेगा।

जानिए कौन हैं विद्रोही HTS और क्या है उनका मकसद?

विद्रोही संगठन हयात तहरीर अल-शाम (HTS) का मकसद सीरिया की बशर सरकार को उखाड़ फेंकना है। एचटीएस उत्तर-पश्चिमी सीरिया के अधिकांश हिस्से को नियंत्रित करता है। इस विद्रोही संगठन का कहना है कि उसने बशर सरकार के आक्रामकता को रोकने के लिए इस जंग की शुरुआत की है। उन्होंने असद सरकार पर विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में हमले बढ़ाने का आरोप लगाया है। एचटीएस चीफ अबू मोहम्मद अल-गोलानी ने कहा है कि उनका लक्ष्य असद शासन को उखाड़ फेंकना और इस्लामी सरकार स्थापित करना है।

विद्रोह का क्या होगा असर

रूस पर बड़ा असर

विद्रोह का रूस पर बड़ा असर पड़ सकता है। इसकी वजह ये है कि पश्चिमी एशिया में सीरिया उसका सबसे भरोसेमंद पार्टनर है। साथ ही 2011 में बशर के खिलाफ विद्रोह के बाद से रूस बशर को हर तरह की सैन्य, आर्थिक व रणनीतिक मदद करता रहा है। इस कारण रूस चाहता है कि बशर सत्ता में बने रहें। इसके साथ ही कहा जा रहा है कि विद्रोहियों को अमेरिका का समर्थन मिला हुआ है। ऐसे में अगर बशर जाते हैं तो इसका बड़ा नुकसान रूस को होगा।

बढ़ सकते हैं तेल के दाम

भारत और सीरिया के रिश्ते ऐतिहासिक हैं। विद्रोह नहीं रुका तो कच्चे तेल के दामों में उछाल देखने को मिल सकता है। इससे भारत पर असर पड़ेगा। वहीं, हाल में पावर और सोलर प्लांट प्रोजेक्ट पर दोनों मुल्क साथ काम कर रहे हैं। भारत ने साल 2022 में इसके लिए 28 करोड़ डॉलर की मदद की घोषणा की थी। विद्रोह के बढ़ने पर इन प्रोजेक्ट पर असर होगा। 2008 में बशर भारत का दौरा कर चुके हैं।

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Jitendra Singh

Jitendra Singh

First Published: Dec 08, 2024 9:23 AM

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