Trump Effect: एक बार फिर अमेरिकी सरकार में वापसी के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एआई में निवेश बढ़ाने पर जोर दिया है। उनकी इस नीति से टेक कंपनियों को अच्छा सपोर्ट मिला है। ट्रंप की एआई में निवेश बढ़ाने की नीति से एशियाई मार्केट लहालोट हो गए। जापान का निक्केई 225 (Nikkei 225), ताइवान का ताइवान वेटेड (Taiwan Weighted) और दक्षिण कोरिया का कोस्पी (Kospi) इंडेक्स 1-1 फीसदी से अधिक उछल गया। भारत में भी पॉजिटिव रुझान है और इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) भी ग्रीन हैं। हालांकि चीन में टैरिफ वार की आशंका पर बिकवाली का दबाव है।
Donald Trump के एआई प्लान पर क्यों आई हरियाली?
डोनाल्ड ट्रंप ने सॉफ्टबैंक ग्रुप, ओपनएआई और ओरेकेल की अगुवाई में एआई निवेश को बढ़ावा देने का ऐलान किया है। इसके चलते अमेरिकी स्टॉक्स के कॉन्ट्रैक्ट्स उछल गए। इसके चलते सॉफ्टबैंक ग्रुप के शेयर 9 फीसदी से अधिक उछल गए। ट्रंप की योजना पर इसके शेयर जुलाई के बाद की रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए। ब्लूमबर्ग टीवी पर हॉन्गकॉन्ग के रोबेको के एशियन इक्विटी मनी मैनेजर Vicki Chi का कहना है कि ट्रंप एशियन टेक सप्लाई चेन पहले ही बेहतर परफॉर्म कर रहे हैं और अब इसे एआई पुश का भी फायदा मिल गया। पाइपर सैंडलर के क्रेग जॉनसन का कहना है कि इंफ्लेशन के आंकड़ों में नरमी, बैंकों की बेहतर कमाई और निगेटिव सेंटिमेंट से रिकवरी के चलते पिछले हफ्ते इक्विटी मार्केट में अच्छी खरीदारी लौटी और अब आगे भी ट्रंप की कारोबारी और निवेश हित वाली नीतियों से इसे सपोर्ट मिलेगा।
चाइनीज मार्केट में क्यों बिकवाली का दबाव?
डोनाल्ड ट्रंप की एआई पॉलिसी पर एशियाई मार्केट में बहार दिख रही है लेकिन चाइनीज मार्केट में दबाव दिख रहा है। ट्रंप सरकार में कारोबारी माहौल बेहतर होने की उम्मीद है लेकिन निवेशकों के बीच इस बात को लेकर भी आशंका है कि चीन पर टैरिफ की मार पड़ सकती है। हॉन्गकॉन्ग में एचएसबीसी के चीफ एशिया इकनॉमिस्ट फ्रेडरिक न्यूमन का कहना है कि अगर ट्रंप चीन को टैरिफ का झटका देते हैं तो इसके निर्यात पर असर दिख सकता है। उनका कहना है कि यह ऐसे समय में आया है जब चीन की इकॉनमी पहले ही दिक्कतों से जूझ रही है और बातचीत के अलावा फिलहाल चीन कुछ कर भी नहीं सकता है। दावोस में चल रहे एनुअल वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में चीन के वाइस प्रीमियर Ding Xuexiang ने कहा कि संतुलित व्यापार के लिए चीन आयात बढ़ा सकता है।