अमेरिकी राष्ट्रपति Joe Biden ने कहा, पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है

अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब पाकिस्तान में उथल-पुथल की स्थिति है। सत्ता पर कब्जे को लेकर राजनीतिक दलों के बीच रस्साकशी जारी है

अपडेटेड Oct 15, 2022 पर 3:52 PM
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अमेरिका का रुख पाकिस्तान को लेकर ज्यादातर साफ नहीं रहा है। एक तरफ वह पाकिस्तान को दुनिया में आतंकवाद के लिए दोषी मानता है, दूसरी तरफ वह पाकिस्तान को आर्थिक मदद भी देता है।

अमेरिका के राष्ट्रपति Joe Biden ने पाकिस्तान को दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक बताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान को बहुत अहम माना जा रहा है। बाइडेन ने गुरुवार को एक कंपेन को संबोधित करते हुए यह बात कही थी।

पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति

बाइडेन ने कहा, "मेरा यह मानना है कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक हो सकता है। उसके पास परमाणु हथियार है, लेकिन किसी तरह की प्रतिबद्धता नहीं है।" अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब पाकिस्तान में उथल-पुथल की स्थिति है। सत्ता को लेकर राजनीतिक दलों के बीच रस्साकशी जारी है। पाकिस्तान में सबसे ताकतवार माने जाने वाली सेना गवर्नेंस और एडमिनिसिट्रेशन के मोर्चे पर लाचार नजर आ रही है।


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अमेरिका ने पाकिस्तान को 45 करोड़ डॉलर की मदद को मंजूरी दी 

निवर्तमान सेना प्रमुख जनरल बाजवा के इस बयान पर लोग भरोसा करने को तैयार नहीं है कि सेना खुद को राजनीति से दूर रखेगी। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि बाइडेन का यह बयान 45 करोड़ डॉलर के अमेरिकी पैकेज को मंजूरी मिलने के तुरंत बाद आया है। अमेरिका ने पाकिस्तान को लड़ाकू जहाज F-16 की सप्लाई के लिए यह पैकेज मंजूर किया है।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के खिलाफ दिखाई थी सख्ती

पाकिस्तान को अमेरिकी पैकेज को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पाकिस्तान को लेकर रुख के उलट माना जा रहा है। ट्रंप ने 2018 में पाकिस्तान को इस तरह की सभी मदद पर रोक लगा देने का फैसला किया था। खास बात यह है कि इंडिया ने पाकिस्तान को इस पैकेज का कड़ा विरोध किया था। इसके बावजूद अमेरिका सरकार ने पाकिस्तान को इस पैकेज को मंजूरी दे दी।

पहले भी पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को लेंकर विश्व समुदाय चिंता जता चुका है

पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर कई बार चिंता जताई जा चुकी है। दुनिया के दूसरे ताकतवर देश भी इस बारे में अपनी फिक्र का इजहार कर चुके हैं। पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के चोरी होने और इनके आतंकियों के हाथ में पहुंचने को लेकर गंभीर चिंता जताई जा चुकी है। परमाणु हथियारों को लेकर पाकिस्तान का रिकॉर्ड बहुत खराब रहा है। पाकिस्तान के न्यूक्लियर साइंटिस्ट एक्यू खान का रैकेट सामने आने के बाद यह मसला दुनिया के लिए बड़ी चिंता बन गया है। पाकिस्तान ने 1998 में परमाणु क्षमता हासिल कर ली थी। उसने इंडिया के परमाणु क्षमता हासिल करने के कुछ ही समय बाद इसे हासिल कर लिया था।

बाइडेन ने पाकिस्तान को लेकर बदली ट्रंप की पॉलिसी

अमेरिका का रुख पाकिस्तान को लेकर ज्यादातर साफ नहीं रहा है। एक तरफ वह पाकिस्तान को दुनिया में आतंकवाद के लिए दोषी मानता है, दूसरी तरफ वह पाकिस्तान को आर्थिक मदद भी देता है। ट्रंप के कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान को लेकर अमेरिकी नीति में सख्ती देखने को मिली थी। लेकिन, बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद फिर से अमेरिका पाकिस्ता को लेकर अपनी पहले की नीति पर लौट आया है।

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