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Vostok 2022 Military Exercise: लद्दाख में तनाव के बीच भारतीय और चीनी सैनिक रूस में सैन्य अभ्यास में लेंगे हिस्सा

Vostok 2022 नाम का यह युद्धाभ्यास रूस में आयोजित होने वाला है। इस युद्धाभ्यास में भारत, चीन, रूस के अलावा बेलारूस, मंगोलिया, ताजिकिस्तान की सेनाएं भी हिस्सा लेंगी

अपडेटेड Aug 18, 2022 पर 10:23 AM
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Vostok 2022 अभ्यास रूस में 30 अगस्त से 5 सितंबर तक आयोजित किया जाना है

India-China Military Exercise: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पिछले दो साल से ज्यादा समय से जारी गतिरोध के बीच भारतीय और चीनी सेनिक इस महीने के आखिरी में रूस में होने वाली विश्व सैन्याभ्यास में एक साथ हिस्सा लेते नजर आएंगे। वोस्तोक 2022 (Vostok 2022) नाम का यह युद्धाभ्यास रूस में आयोजित होने वाला है।

चीन ने बुधवार को कहा कि उसके सैनिक रूस में इस महीने के अंत होने वाले ‘वोस्तोक 2022’ सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेंगे। इस सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना भी शिरकत कर रही है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि चीनी और रूसी सेनाओं के बीच वार्षिक सहयोग योजना और दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति के अनुसार, चाइनीज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) निकट भविष्य में होने वाले सैन्य अभ्यास में भाग लेने के लिए कुछ सैनिकों को रूस भेजेगी।

बेलारूस, ताजिकिस्तान और मंगोलिया की सेनाएं भी होंगी शामिल 


उसमें कहा गया है कि भारत, बेलारूस, ताजिकिस्तान, मंगोलिया और अन्य देश भी अभ्यास में हिस्सा लेंगे। रूस में वोस्तोक-2022 सैन्य अभ्यास में भारतीय सैनिकों की भागीदारी पर भारतीय सेना या रक्षा मंत्रालय की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है। पिछले साल, भारत ने रूस में ZAPAD 2021 अभ्यास में शिरकत की थी, जिसमें चीन और पाकिस्तान सहित 17 देशों ने भाग लिया था।

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रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने बताया कि वोस्तोक-2022 अभ्यास 30 अगस्त से 5 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। ‘तास’ की खबर के मुताबिक, वोस्तोक-2022 सामरिक कमान और स्टाफ अभ्यास, रूस के जनरल स्टाफ के प्रमुख वालेरी गेरासिमोव की कमान में होगा। रूसी रक्षा मंत्रालय ने पहले कहा था कि अभ्यास में हिस्सा लेने वाले बल पूर्वी क्षेत्र में सैन्य सुरक्षा बनाए रखने के उपायों का अभ्यास करेंगे।

क्या है इसका उद्देश्य?

चीनी रक्षा मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पीएलए ने इस अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए कर्मियों को भेजा है। इसका उद्देश्य भाग लेने वाले देशों की सेनाओं के साथ व्यावहारिक और मैत्रीपूर्ण सहयोग को गहरा करने के साथ ही इसमें हिस्सा लेने वाले पक्षों के साथ रणनीतिक समन्वय के स्तर को बढ़ाना और विभिन्न सुरक्षा खतरों से निपटने की क्षमता में वृद्धि करना है।

इसमें कहा गया है कि अभ्यास का मौजूदा अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्थिति से कोई संबंध नहीं है। यह यूक्रेन में जंग और लद्दाख में गतिरोध की ओर संकेत करता है। पैंगोंग झील क्षेत्र में 5 मई 2020 को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद से पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध बना हुआ है।

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