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क्या पाकिस्तान के भी जल्द दिवालिया होने की खबर आने वाली है? जानिए कितने खराब हो चुके हैं हालात

जून में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 8.24 अरब डॉलर रह गया था। गंभीर हालात को देखते हुए स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने सरकार को सभी गैर-जरूरी चीजों के आयात पर रोक लगा देने की सलाह दी है

अपडेटेड Jul 11, 2022 पर 7:55 PM
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पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक State Bank of Pakistan ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को मंडराते खतरे के बारे में बता दिया है।

श्रीलंका (Sri Lanka) के बाद पाकिस्तान (Pakistan) दिवालिया होने की तरफ बढ़ रहा है। वह विदेशी कर्ज पर डिफॉल्ट कर सकता है। इसकी वजह यह है कि उसका विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) बहुत घट गया है। इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसियों ने यह आशंका जताई है।

श्रीलंका में संकट की शुरुआत भी इसी तरह हुई थी। कोरोना की महामारी के चलते श्रीलंका का पर्यटन उद्योग ठप पड़ गया। इससे एक तरफ जहां विदेशी मुद्रा का बड़ा स्रोत बंद हो गया। दूसरी तरफ इससे सरकार को होने वाली कमाई का रास्ता बंद हो गया।

ब्लूमबर्ग के मुताबिक, श्रीलंका और जांबिया के बाद तुर्की, मिस्र, इथोपिया, पाकिस्तान, घाना और अल सल्वाडोर विदेशी कर्ज चुकाने में नाकाम रह सकते हैं। इसका असर बहुत व्यापक होगा। इसकी वजह यह है कि अभी वैश्विक हालात ठीक नहीं हैं। ईंधन और खानेपीने की चीजों के दाम बहुत बढ़ गए हैं। दुनियाभर में इंटरेस्ट रेट्स बढ़ रहे हैं।


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फिच रेटिंग्स ने ऐसे 17 देशों की पहचान की है, जो अपना कर्ज चुकाने से चूक सकते हैं। इनमें पाकिस्तान शामिल है। खास बात यह है कि इस लिस्ट में रूस भी शामिल है। रूस के पास पैसा है, लेकिन अमेरिकी और पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के चलते वह डॉलर में अपने विदेशी कर्ज का पेमेंट नहीं कर पा रहा है।

जिन देशों के डिफॉल्ट करने की आशंका जताई जा रही है, उनमें पाकिस्तान, लेबनान, ट्यूनिशिया, घाना, इथोपिया, यूक्रेन, ताजिकिस्तान, अल सल्वाडोर, सूरीनाम, अर्जेंटीना, रूस और बेलारूस शामिल हैं।

पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक State Bank of Pakistan ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को मंडराते खतरे के बारे में बता दिया है। उसने कहा है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार बहुत घट चुका है। इससे जरूरी चीजों के आयात में दिक्कत आ रही है। उसने यह भी कहा है कि अगर जल्द विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के उपाय नहीं किए जाते, पाकिस्तान दूसरे देशों से आयात नहीं कर पाएगा।

पाकिस्तान के उद्यमियों ने भी गहराते आर्थिक संकट को लेकर सरकार को आगाह किया है। ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में सामाजिक-आर्थिक समस्या खड़ी हो सकती है। सरकार की तरफ से अनुकूल नीतियों के अभाव में फॉरने इनवेस्टमेंट के लिए पाकिस्तान का अट्रैक्शन घट रहा है।

जून में पाकिस्तान में इनफ्लेशन बढ़कर 21.32 फीसदी पर पहुंच गया। यह बीते 13 साल में सबसे ज्यादा है। इससे खानेपीने की चीजों की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं। बढ़ती महंगाई ने कमजोर आर्थिक वर्ग और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है। इससे लोगों में सरकार के खिलाफ गुस्सा है।

जून में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 8.24 अरब डॉलर रह गया था। गंभीर हालात को देखते हुए स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने सरकार को सभी गैर-जरूरी चीजों के आयात पर रोक लगा देने की सलाह दी है। बैंक ने ईंधन आयात पर बढ़ते खर्च पर भी चिंता जताई है।

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