Nepal Plane Crash: जानें कैसे क्रैश होते ही खाक हो गया Yeti Airlines का प्लेन, लैंडिंग से सिर्फ 10 सेकेंड पहले हुआ हादसा, अब तक 68 शव बरामद

Nepal Plane Crash Updates: जानकारी के मुताबिक हादसा काठमांडू से टेकऑफ के करीब 20 मिनट बाद यह हुआ। पोखरा एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से कहा गया है कि Yeti Airlines का विमान रनवे से 10 सेकेंड की दूरी पर था, तभी उसमें आग की लपटें दिखाई दीं। अब तक 68 शव बरामद किए जा चुके हैं

अपडेटेड Jan 15, 2023 पर 10:38 PM
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Nepal Plane Crash: नेपाल के पोखरा में लैंडिंग से सिर्फ 10 सेकेंड पहले Yeti Airlines का प्लेन क्रैश हुआ, तकनीकी खराबी की वजह से यह हादसा हुआ

Nepal Plane Crash: नेपाल का एक यात्री विमान (Yeti Airlines Plane Crash) पोखरा एयरपोर्ट (Pokhara Airport) पर उतरते समय रविवार को सेती नदी घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे कम से कम 68 लोगों की मौत हो गई। विमान में पांच भारतीय नागरिकों समेत कुल 72 लोग सवार थे। इनमें 10 विदेशी नागरिक भी शामिल थे। अंधेरा होने के कारण रविवार शाम को तलाशी अभियान शाम तक के लिए रोक दिया गया। नेपाल की सेना कल सोमवार सुबह से खोज और बचाव अभियान जारी रखेगी। अभी तक दुर्घटनास्थल से 68 शव बरामद किए गए हैं।

कैसे हुआ हादसा?

नेपाल के नागर विमानन प्राधिकरण (CAAN) ने बताया कि यति एयरलाइंस (Yeti Airlines) के 9N-ANC ATR-72 विमान ने सुबह 10 बजकर 33 मिनट पर काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। पोखरा एयरपोर्ट पर उतरते वक्त विमान पुराने एयरपोर्ट और नए एयरपोर्ट के बीच सेती नदी (Seti River) के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। नेपाल की एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से कहा गया है कि हादसा तकनीकी खराबी की वजह से हुआ।


पोखरा एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) कर्मचारी के मुताबिक पोखरा का रनवे पूर्व-पश्चिम दिशा की ओर बना हुआ है। विमान के पायलट ने पहले पूर्व की तरफ से लैंडिंग की परमिशन मांगी थी, जिसकी परमिशन मिल गई थी। थोड़ी देर बाद पायलट ने पश्चिम की तरफ से लैंडिंग की परमिशन मांगी और दोबारा परमिशन दे दी गई थी।

कुछ स्थानीय मीडिया की खबरों में कहा गया कि विमान उतरते समय ज्यादा मुड़ गया था, जो दुर्घटना का कारण हो सकता है। यह चीनी कर्ज के तहत बनाया गया एक नया एयरपोर्ट है और अभी दो हफ्ते पहले इसका उद्घाटन किया गया था।

लैंडिंग से 10 सेकेंड पहले हुआ क्रैश

जानकारी के मुताबिक हादसा काठमांडू से टेकऑफ के 20 मिनट बाद हुआ। तब विमान डेस्टिनेशन से कुछ किलोमीटर ही दूर था। पोखरा एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से कहा गया है कि Yeti Airlines का विमान रनवे से 10 से 20 सेकेंड की दूरी पर था, तभी विमान में आग की लपटें दिखाई दीं। नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के सूचना अधिकारी ज्ञानेंद्र भुल ने कहा कि मौसम की कोई समस्या नहीं थी। शुरुआती जानकारी मिली है कि विमान तकनीकी कारणों से दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।

अब तक 68 शव बरामद, 5 भारतीय भी थे सवार

CAAN की समन्वय समिति, खोज एवं बचाव के एक अधिकारी ने फोन पर पीटीआई को बताया कि अभी तक दुर्घटनास्थल से 68 शव बरामद किए जा चुके हैं। अधिकारी ने कहा कि शवों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। साथ ही उन्होंने कहा कि चार और शव बरामद करने के प्रयास जारी हैं। विमान में पांच भारतीय, चार रूसी, दो कोरियाई के अलावा ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, अर्जेंटीना, इजराइल के एक-एक नागरिक सवार थे। विमान में सवार पांच भारतीयों की पहचान अभिषेक कुशवाहा, विशाल शर्मा, अनिल कुमार राजभर, सोनू जायसवाल और संजय जायसवाल के रूप में हुई है।

यति एयरलाइंस के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने कहा कि अभी तक किसी के जीवित बचने की कोई सूचना नहीं है। उन्होंने कहा कि पोखरा में मौसम बिल्कुल ठीक था और विमान का इंजन भी अच्छी स्थिति में था। उन्होंने कहा कि हम नहीं जानते कि हवाई जहाज को क्या हुआ। अधिकारियों ने कहा कि चार और शव बरामद करने के प्रयास जारी हैं।

एक दिन का अवकाश घोषित

प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने दुर्घटना के बाद मंत्रिपरिषद की इमरजेंसी बैठक बुलाई। रविवार दोपहर को हुई बैठक में एयरलाइन के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना में लोगों की मौत पर शोक जताने के लिए 16 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का फैसला किया गया। प्रचंड ने हादसे पर दुख जताया और गृह मंत्रालय, सुरक्षाकर्मियों तथा सभी सरकारी एजेंसियों को तत्काल बचाव एवं राहत अभियान चलाने का निर्देश दिया है।

सरकार ने दुर्घटना की जांच के लिए संस्कृति, पर्यटन और नागर विमानन मंत्रालय के पूर्व सचिव नागेंद्र घिमिरे के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि प्रत्येक घरेलू एयरलाइन के विमान के उड़ान भरने से पहले कड़ाई से जांच हो।

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विमान दुर्घटना के बाद पोखरा पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट आज वहां आने वाली तथा वहां से जाने वाली उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई तस्वीरों और वीडियो में दुर्घटनास्थल से धुएं का गुबार उठता दिख रहा है। हादसे के तुंरत बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया।

नेपाल में पहले भी हो चुके हैं कई विमान क्रैश

नेपाल का अचानक बदलते मौसम और दुर्गम स्थानों पर बनी हवाई पट्टियों के कारण विमान दुर्घटनाओं का बेहद खराब रिकॉर्ड रहा है। देश में पिछली बड़ी विमान दुर्घटना पिछले साल 29 मई को हुई थी, जब तारा एअर का एक विमान पर्वतीय मुस्तांग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें एक भारतीय परिवार के चार सदस्यों समेत इसमें सवार सभी 22 लोगों की मौत हो गई थी।

इसके अलावा साल 2016 में, इसी एयरलाइन का एक विमान इसी मार्ग पर उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें सवार सभी 23 लोगों की मौत हो गई थी। मार्च 2018 में, त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमान दुर्घटना में 51 लोगों की मौत हो गई।

सितंबर 2012 में त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करते समय सीता एयर का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई थी। पोखरा से जोमसोम उड़ान भरते समय एक विमान 14 मई 2012 को जोमसोम एयरपोर्ट के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी।

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