5 Days Working in Banks: बैंक कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए अहम खबर है।बैंक कर्मचारी लंबे समय से बैंकों में 5 दिन वर्किंग की उम्मीद लगाए हुए हैं। अब सरकार ने बैंकों में 5 दिन वर्किंग को लेकर अहम ऐलान किया है।
5 Days Working in Banks: बैंक कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए अहम खबर है।बैंक कर्मचारी लंबे समय से बैंकों में 5 दिन वर्किंग की उम्मीद लगाए हुए हैं। अब सरकार ने बैंकों में 5 दिन वर्किंग को लेकर अहम ऐलान किया है।
सरकार ने कही ये बात
सरकार ने साफ कर दिया है कि बैंकों में 5-दिन वर्किंग को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। 28 जुलाई 2025 को लोकसभा में एक लिखित जवाब में वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी कि इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) ने सभी शनिवार को बैंकिंग छुट्टी घोषित करने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन यह फिलहाल विचाराधीन है।
क्या है डिमांड?
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (AIBOC) ने यह प्रस्ताव दिया है कि सभी शनिवार बैंक बंद रखे जाएं। उनका कहना है कि यह कदम प्रोडक्टिविटी, एफिशिएंसी, कर्मचारियों के वेलबीइंग और एक एथिकल वर्ककल्चर के लिए जरूरी है।
फिलहाल क्या है सिस्टम?
अभी सरकारी बैंकों (Public Sector Banks) में हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छुट्टी होती है, जबकि पहले, तीसरे और पांचवें शनिवार को बैंक खुले रहते हैं।
लोकसभा में क्या सवाल पूछे गए?
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने सरकार से पूछा था कि..
1. क्या सरकार ने IBA के प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई की है?
2. क्या सरकार इस प्रस्ताव को लागू करने पर विचार कर रही है?
3. क्या स्टाफ की कमी के कारण यह प्रस्ताव लटका हुआ है?
4. सरकार स्टाफ की कमी को कैसे दूर कर रही है?
5. क्या कोई टाइमलाइन तय की गई है इस प्रस्ताव को लागू करने की?
सरकार का जवाब क्या था?
वित्त मंत्रालय ने जवाब में बताया कि IBA ने सभी शनिवारों को छुट्टी घोषित करने का प्रस्ताव सरकार को दिया है। हालांकि, 2015 में 10वीं द्विपक्षीय समझौते के बाद ही हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छुट्टी घोषित की गई थी। मंत्रालय ने यह भी बताया कि सभी पब्लिक सेक्टर बैंक के बोर्ड द्वारा शासित वाणिज्यिक संस्थान हैं। हर बैंक अपनी जरूरतों के अनुसार ही स्टाफ की भर्ती करता है।
क्या स्टाफ की कमी है?
सरकार के अनुसार 31 मार्च 2025 तक पब्लिक सेक्टर बैंकों में 96% स्टाफ उपलब्ध है। जो थोड़ी बहुत कमी है, वह रिटायरमेंट, ट्रांसफर और अन्य कारणों से होती है, जिसे बैंक समय-समय पर पूरा करता है। सरकार ने यह तो साफ किया कि प्रस्ताव विचाराधीन है, लेकिन यह नहीं बताया कि इसे कब तक लागू किया जाएगा।
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