साल 2025 में केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए कई बड़े बदलाव आए हैं। इसमें नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS), महंगाई भत्ता (DA/DR) में बढ़ोतरी, ड्रेस भत्ता सुधार, पेंशन प्रक्रिया में तेजी और ग्रेच्युटी सुधार शामिल हैं। जानिए कि ये बदलाव कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए कैसे मायने रखते हैं।
केंद्र सरकार ने 2025 में महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) में दो बार बढ़ोतरी की। जनवरी-जून के लिए 2% और जुलाई-दिसंबर के लिए 3%। अब DA 58% हो गया है। इससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की जेब पर सीधे असर पड़ेगा।
कई सालों से केंद्रीय कर्मचारियों (सशस्त्र बलों को छोड़कर) को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत रखा गया था, जो 2004 में पुराने पेंशन स्कीम (OPS) की जगह आया। NPS में रिटायरमेंट के बाद की आय बाजार पर निर्भर होती थी।
अप्रैल 2025 में सरकार ने UPS शुरू किया, जो NPS और OPS की विशेषताओं को मिलाता है। इसके तहत, अगर कोई कर्मचारी 25 साल की सेवा पूरी करता है, तो उसे अंतिम 12 महीनों के औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन मिलेगा।
पेंशन योग्य सेवा अवधि कम से कम 10 साल है और UPS में न्यूनतम मासिक पेंशन 10,000 रुपये गारंटीड है। 10 से 25 साल की सेवा वाले कर्मचारियों को प्रोराटा आधार पर पेंशन मिलेगी।
UPS के तहत कर्मचारी NPS में 'वन-टाइम वन-वे' स्विच कर सकते हैं। यह बदलाव उन कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है, जो OPS की तरह निश्चित पेंशन चाहते थे।
रिटायरमेंट प्रोसेस में सुधार
कर्मचारियों ने अक्सर शिकायत की कि पेंशन पास ऑर्डर (PPO) मिलने में महीनों लग जाते थे। अब पेंशन विभाग ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे कर्मचारियों के फाइल्स रिटायरमेंट से 12-15 महीने पहले तैयार करें। इससे पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य बकाया रकम रिटायरमेंट के दिन से ही मिलने लगेगी।
ड्रेस अलाउंस अब प्रोराटा आधार पर
पहले ड्रेस भत्ता साल में एक बार तय रकम के रूप में मिलता था, चाहे कर्मचारी साल के बीच रिटायरमेंट हो जाए। अब ड्रेस अलाउंससेवा अवधि के अनुपात में मिलेगा। यह बदलाव उन कर्मचारियों के लिए खास है जो जून से सितंबर के बीच रिटायरमेंट होते हैं।
ग्रेच्युटी और लंप-सम रकम में सुधार
ग्रेच्युटी और लंप-सम भुगतान अब UPS के तहत एक साथ मिलेंगे। पहले NPS कर्मचारियों को यह सुविधा सीमित रूप में मिलती थी। अब UPS में सुधार करके सेवानिवृत्ति के समय बेहतर वित्तीय सुरक्षा दी जाएगी।
सभी सुधारों का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कर्मचारियों को रिटायरमेटं के बाद समय पर और स्थिर आय मिल सके। अब कर्मचारियों को अपनी सेवा अवधि और रिटायरमेंट प्लान के हिसाब से फैसले लेने होंगे।