8th Pay Commission: साल 2027 की दिवाली तक लागू होगा 8वां वेतन आयोग! जानिये कारण

8th Pay Commission: आयोग को अपनी सिफारिशें सरकार को 18 महीनों के अंदर यानी अप्रैल 2027 तक सौंपनी होंगी। उसके बाद इस रिपोर्ट पर लेबर और फाइनेंस मिनिस्ट्री अप्रूवल देगी। इसके बाद ये कैबिनेट से अप्रूव होकर लागू किया जाएगा। यानी साल 2027 की दिवाली तक ही 8वां वेतन आयोग लागू हो पाएगा। हालांकि, 8वां वेतन आयोग कब से लागू माना जाएगा ये सरकार पर निर्भर करता है

अपडेटेड Nov 07, 2025 पर 1:21 PM
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8th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है।

8th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग के Terms of Reference (ToR) यानी काम करने के तरीके और दिशा-निर्देशों की घोषणा की है। इसके साथ ही कर्मचारियों की उम्मीदें बढ़ गई हैं कि अगले कुछ सालों में उनके वेतन, भत्तों और पेंशन में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। आयोग को अपनी सिफारिशें सरकार को 18 महीनों के अंदर यानी अप्रैल 2027 तक सौंपनी होंगी। उसके बाद इस रिपोर्ट पर लेबर और फाइनेंस मिनिस्ट्री अप्रूवल देगी। इसके बाद ये कैबिनेट से अप्रूव होकर लागू किया जाएगा। यानी साल 2027 की दिवाली तक ही 8वां वेतन आयोग लागू हो पाएगा। हालांकि, 8वां वेतन आयोग कब से लागू माना जाएगा ये सरकार पर निर्भर करता है।

8वां वेतन आयोग तीन सदस्यों का होगा, जिसमें न्यायमूर्ति रंजन देसाई इसकी अध्यक्ष होंगी। प्रोफेसर पुलक घोष को पार्ट-टाइम सदस्य और पंकज जैन को सदस्य-सचिव बनाया गया है। आयोग को अपनी सिफारिशें सरकार को 18 महीनों के भीतर यानी अप्रैल 2027 तक सौंपनी होंगी। हालांकि, अगर आयोग चाहे तो बीच-बीच में अंतरिम रिपोर्ट भी दे सकता है।

ToR में क्या कहा गया है?


कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्तों, बोनस, ग्रेच्युटी और परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) की समीक्षा करना।

समानता और फाइनेंशियल बैलेंस बनाए रखना ताकि सरकार पर ज्यादा बोझ न पड़े।

देश की आर्थिक स्थिति और वित्तीय अनुशासन को ध्यान में रखकर सिफारिशें देना।

यह भी देखना कि राज्य सरकारों पर इसका क्या असर पड़ेगा क्योंकि वे आमतौर पर केंद्र के फैसलों को कुछ रिवीजन के साथ वह लागू करती हैं।

इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र (PSU) और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर से भी तुलना की जाएगी।

आयोग कब देगा रिपोर्ट?

सरकारी नोटिफिकेशन के अनुसार आयोग को अपने गठन की तारीख से 18 महीनों के अंदर रिपोर्ट सौंपनी है। यानी इसकी अंतिम समय सीमा अप्रैल 2027 है। रिपोर्ट सौंपने के बाद सरकार उसकी समीक्षा करेगी और मंजूरी के बाद नए सैलरी स्ट्रक्चर पर लागू की जाएगी।

सैलरी कितनी बढ़ सकती है?

कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ा सवाल यही है कि वेतन में कितनी बढ़ोतरी होगी। वित्तीय संस्थानों कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज और एम्बिट कैपिटल के अनुमानों के मुताबिक इस बार का फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) 1.8 से 2.46 के बीच रह सकता है।

अगर फिटमेंट फैक्टर 1.8 तय होता है, तो लेवल-1 कर्मचारियों जैसे अटेंडेंट या चपरासी की बेसिक सैलरी 18,000 से बढ़कर 32,400 रुपये हो जाएगी। हालांकि यह 80% की बढ़ोतरी दिखती है, लेकिन चूंकि नई सैलरी लागू होते ही महंगाई भत्ता (DA) रीसेट होकर 0% हो जाएगा, इसलिए असली बढ़ोतरी लगभग 13-15% के आसपास होगी।

एम्बिट कैपिटल का मानना है कि..

1.82× फैक्टर पर सैलरी ₹32,760 होगी (लगभग 14% की बढ़ोतरी)

2.15× फैक्टर पर ₹38,700 (करीब 34% की बढ़ोतरी)

2.46× फैक्टर पर ₹44,280 (लगभग 54% की बढ़ोतरी)

लेकिन ध्यान रहे, ये केवल बेसिक पे का कैलकुलेशन है। इसमें जब DA, HRA, ट्रांसपोर्ट अलाउंस जैसे भत्ते जोड़े जाएंगे, तब सैलरी में असली बढ़ोतरी का पता चलेगा।

बोनस, ग्रेच्युटी और PLI पर भी फैसला

8वां वेतन आयोग केवल सैलरी नहीं, बल्कि बोनस, ग्रेच्युटी रिटायरमेंट बेनेफिट और परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) की भी समीक्षा करेगा। सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पर पिछली बार 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था। तब भी सैलरी में लगभग 14-16% की बढ़ोतरी हुई थी। अब 8वां वेतन आयोग आने से कर्मचारियों को फिर से बड़ी राहत की उम्मीद है।

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