रिटायरमेंट के बाद सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि हर महीने खर्चों के लिए स्थिर आय कहां से आएगी। नौकरी या बिजनेस से नियमित कमाई बंद हो जाती है, लेकिन खर्चे जारी रहते हैं। ऐसे में निवेशकों के लिए SWP (Systematic Withdrawal Plan) एक ऐसा विकल्प है जो म्यूचुअल फंड्स से नियमित कैश फ्लो उपलब्ध कराता है।
SWP क्या है और कैसे काम करता है
SWP एक ऐसी सुविधा है जिसमें निवेशक अपने म्यूचुअल फंड निवेश से हर महीने या तिमाही तय रकम निकाल सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर किसी ने ₹20 लाख म्यूचुअल फंड में निवेश किया है, तो वे हर महीने ₹20,000 निकालने का विकल्प चुन सकते हैं। बाकी पैसा फंड में निवेशित रहता है और उस पर रिटर्न मिलता रहता है। इस तरह निवेशक को नियमित आय और निवेश पर ग्रोथ दोनों का फायदा मिलता है।
हालांकि SWP पूरी तरह जोखिम-मुक्त नहीं है। चूंकि पैसा म्यूचुअल फंड्स में लगा होता है, इसलिए बाजार में उतार-चढ़ाव का असर रिटर्न पर पड़ सकता है। अगर बाज़ार लंबे समय तक कमजोर रहा, तो निवेश का मूल्य घट सकता है। इसलिए निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बैलेंस्ड या डेब्ट फंड्स में SWP चुनें ताकि जोखिम कम हो।
कई रिटायर लोग बताते हैं कि SWP से उन्हें मानसिक शांति मिलती है। हर महीने बैंक खाते में तय रकम आने से उन्हें लगता है कि उनकी वित्तीय स्वतंत्रता बनी हुई है। यह उन्हें न केवल खर्चों के लिए सुरक्षा देता है बल्कि जीवनशैली बनाए रखने का आत्मविश्वास भी देता है।