कई शेयरों की कीमतों अपने हाई लेवल से 10-16 फीसदी तक नीचे हैं। इसमें दुनियाभर में इंटरेस्ट रेट (Interest Rate) में वृद्धि, बढ़ते इनफ्लेशन (Inflation), जियो-पॉलिटिकल टेंशन का हाथ है। इस साल लार्जकैप (Largecap) और मिडकैप (Midcap) सूचकांकों में 5-7 फीसदी तेजी आई है। हालांकि, स्मॉलकैप इंडेक्स (smallcap index) इस साल 10 फीसदी गिरा है।
स्मॉल और मिडकैप शेयर गिरावट के बाद अट्रैक्टिव लेवल पर आ गए हैं। इनमें निवेश से अच्छी कमाई हो सकती है। ज्यादा रिस्क लेने वाले इनवेस्टर्स स्मॉलकैप शेयरों में निवेश में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। क्या आपको इन शेयरों में निवेश करना चाहिए?
अभी मार्केट पर इकोनॉमी से जुड़ी खबरों का असर दिख रहा है। रिटेल इनफ्लेशन इस साल अप्रैल में 7.79 फीसदी पर पहुंच गया था। यह 8 साल में सबसे ज्यादा है। इनफ्लेशन को काबू में करने के लिए RBI ने इंटरेस्ट रेट बढ़ाया है। कुल 1.4 फीसदी वृद्धि के बाद रेपो रेट 5.40 फीसदी पर पहुंच गया है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडिया में इनफ्लेशन करीब 6 फीसदी पर रहने की उम्मीद है। यह फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में इनफ्लेशन के लिए RBI के टारगेट की अपर लिमिट है। अगर इनफ्लेशन हाई लेवल पर बना रहता है तो RBI इंटरेस्ट रेट को और बढ़ा सकता है।
इस साल इकोनॉमिक ग्रोथ में भी कमी आई है। यह मार्केट के लिए अच्छी बात नहीं है। इससे मार्केट में अगले कुछ महीनों के दौरान कमजोरी दिख सकती है। जब इकोनॉमी में स्टैगफ्लेशन (डिमांड कम और इनफ्लेशन हाई) की स्थिति होती है तो स्मॉलकैप कंपनियों के लिए प्रोडक्ट्स के प्राइसेज बढ़ाना मुश्किल होता है। इसके चलते कई बार उनके बिजनेस पर खराब असर पड़ता है। बाजार में गिरावट आने पर भी सबसे ज्यादा बिकवाली स्मॉलकैप शेयरों में दिखती है।
दूसरी तरफ बड़ी और मजबूत कंपनियों के शेयरों पर बिकवाली का कम असर पड़ता है। हालात बदलने पर उनमें तेज रिकवरी भी दिखती है। इसका मतलब यह नहीं कि स्मॉलकैप शेयरों में निवेश करने से बचना ठीक रहेगा। अगर आप शॉर्ट टर्म की जगह लॉन्ग टर्म को देखें तो स्मॉलकैप शेयरों पर उतार-चढ़ाव का असर कम दिखता है। इससे रिटर्न देने की उनकी क्षमता भी बढ़ जाती है।
लेकिन, अगर आप छोटी अवधि में अपने पोर्टफोलियो में शामिल स्मॉलकैप शेयरों में उतार-चढ़ाव देखने के लिए तैयार हैं तो आप स्मॉलकैप में निवेश कर सकते हैं। अगर नहीं तो फिर आपको इनमें निवेश नहीं करना चाहिए।
आपको अपने पोर्टफोलियो में हर तरह के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों के शेयरों को शामिल करना चाहिए। आप पोर्टफोलियो में मजबूत और बड़ी कंपनियों के शेयरों को शामिल कर सकते हैं। गुड-रिटर्न और कैश फ्लो वाली मिडकै शेयरों को भी शामिल कर सकते हैं। आपको शॉर्ट टर्म में उनके प्रदर्शन को देखने की जरूरत नहीं है।
आखिर में आप अपने पोर्टफोलियो का एक हिस्सा स्मॉलकैप शेयरों के लिए सुरक्षित रख सकते हैं। आपको उन्हीं स्मॉलकैप शेयरों पर दांव लगाना चाहिए, जिनकी भविष्य में ग्रोथ की अच्छी संभावनाएं हैं। इससे आप अपने पोर्टफोलियो को सुरक्षित रखने के साथ ही अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं।
Pranjal Kamra फिनोलॉजी वेंचर्स के सीईओ हैं।