एलिमनी खा जाती है पुरुषों की सालाना कमाई का 38%, तलाक के दौरान कैसे बनाएं बजट?
Alimony impact on men: एक स्टडी के मुताबिक तलाक के बाद पुरुष अपनी सालाना कमाई का औसतन 38% एलिमनी में खर्च करते हैं। जानिए तलाक के दौरान किन फाइनेंशियल कदमों से आप बजट संभाल सकते हैं और लंबे समय तक आर्थिक सुरक्षा बना सकते हैं।
तलाक की प्रक्रिया शुरू करने से पहले सभी एसेट्स, कर्ज, कमाई और संभावित एलिमनी/चाइल्ड सपोर्ट की जानकारी इकट्ठी करनी चाहिए।
Alimony impact on men: तलाक सिर्फ भावनात्मक रूप से ही भारी नहीं पड़ता, बल्कि यह जिंदगी के सबसे बड़े वित्तीय झटकों में से एक होता है। यह अक्सर आपकी सालों की बचत खत्म कर देता है और पूरी आर्थिक स्थिति को बदल देता है। कई लोगों को एलिमनी देने के लिए कर्ज तक लेना पड़ जाता है। यह बात एक नई स्टडी में सामने आई है।
1 Finance Magazine की नई स्टडी में टियर 1 और टियर 2 शहरों के 1,258 तलाकशुदा या तलाक की प्रक्रिया से गुजर रहे लोगों को शामिल किया गया। इसमें साफ दिखा कि तलाक का असर कितना गहरा होता है, खासकर पुरुषों पर।
क्या पता चला सर्वे में?
सर्वे के मुताबिक, तलाक के बाद पुरुष अपनी सालाना कमाई का औसतन 38% मेंटेनेंस पेमेंट पर खर्च करते हैं। करीब आधे (49%) पुरुषों ने बताया कि उन्होंने तलाक से जुड़े खर्चों में 5 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए। वहीं 42% पुरुषों को एलिमनी या कानूनी खर्च के लिए कर्ज लेना पड़ा। सबसे चिंताजनक बात यह है कि एलिमनी देने वाले 29% पुरुषों की नेटवर्थ सेटलमेंट के बाद निगेटिव हो गई।
एक्सपर्ट का कहना है कि अगर पहले से तैयारी न हो, तो ऐसे खर्च आपकी वेल्थ क्रिएशन की योजना को कई साल पीछे धकेल सकते हैं।
शादी से पहले की तैयारी
बॉम्बे हाई कोर्ट और फैमिली कोर्ट, मुंबई की वकील अदिति मोहनी के मुताबिक, शादी से पहले ही पार्टनर्स को पैसों से जुड़े नियम तय कर लेने चाहिए और उन्हें लिखित रूप में रखना चाहिए। यह तय होना चाहिए कि कमाई कैसे शेयर होगी- फिक्स तरीके से या अनुपात के आधार पर।
इसके लिए जॉइंट अकाउंट का इस्तेमाल किया जा सकता है और सभी कॉमन खर्च वहीं से होने चाहिए। अगर कोई पार्टनर कमाई नहीं कर रहा है, तो उसके नाम पर एसेट या इंश्योरेंस बनाया जाए, ताकि उसके काम को भी मान्यता मिले और उसकी सुरक्षा बनी रहे।
तलाक की तैयारी
मोहनी कहती हैं कि तलाक की प्रक्रिया शुरू करने से पहले सभी एसेट्स, कर्ज, कमाई और संभावित एलिमनी/चाइल्ड सपोर्ट की जानकारी इकट्ठी करनी चाहिए। जरूरी डॉक्यूमेंट्स की कॉपी सुरक्षित रखनी चाहिए। इसके अलावा, शुरू से ही फैमिली लॉयर और फाइनेंशियल प्लानर की मदद लेना जरूरी है, ताकि अधिकार सुरक्षित रहें और कैश फ्लो की सही योजना बन सके।
आर्थिक मामले पर विवाद
1 Finance Magazine के सर्वे में यह भी सामने आया कि शादी से पहले आर्थिक समानता बेहद जरूरी है। 67% लोगों ने कहा कि उनके रिश्ते में पैसों को लेकर अक्सर झगड़े होते थे। 43% ने वित्तीय असमानता को अलगाव की बड़ी वजह बताया।
दीपिका नारायण भारद्वाज NGO एकदम न्याय फाउंडेशन की फाउंडर हैं। उनका कहना है, 'शादी में पैसा बड़ी भूमिका निभाता है और इसी वजह से रिश्ते जल्दी टूट भी जाते हैं।' कई एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर शादी की शुरुआत में ही पार्टनर्स पैसों के मामलों पर तालमेल बिठा लें, तो आगे चलकर बड़े वित्तीय बोझ से बचा जा सकता है।
तलाक के दौरान कैसे बनाएं बजट?
1. तलाक इमरजेंसी फंड तैयार करें: तलाक की प्रक्रिया शुरू करने से पहले ही लिक्विड कैश जमा करना शुरू करें। कम से कम छह महीने का खर्च अलग रखें, ताकि लीगल फीस, किराया और अन्य जरूरतें पूरी हो सकें।
2. नया मंथली बजट बनाएं: एलिमनी कमाई का बड़ा हिस्सा ले जाती है। ऐसे में छुट्टियां, बाहर खाना और बेवजह खर्च कुछ समय के लिए रोकने होंगे। जीरो-बेस्ड बजटिंग मदद कर सकती है, जिसमें हर रुपये का तय इस्तेमाल होता है।
3. कर्ज को प्राथमिकता दें: अगर एलिमनी के लिए कर्ज लिया है, तो उसे जल्दी चुकाने की कोशिश करें ताकि ब्याज न बढ़े। बैलेंस ट्रांसफर या आंशिक प्रीपेमेंट से EMI का बोझ कम किया जा सकता है।
4. रिटायरमेंट सेविंग्स को सुरक्षित रखें: पीएफ या लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट से पैसे निकालने से बचें। इसके बजाय ब्रिज लोन या स्ट्रक्चर्ड पेआउट जैसे विकल्प देखें, ताकि वित्तीय बोझ लंबे समय तक फैला रहे।
5. फाइनेंशियल काउंसलिंग लें: एक अनुभवी फाइनेंशियल प्लानर आपकी नई वित्तीय स्ट्रैटेजी बनाने में मदद कर सकता है- चाहे वह नेटवर्थ को फिर से बनाना हो या टैक्स बचाने के लिए निवेश की सही योजना बनाना।