फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में पावर सेक्टर के लिए 48,396 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसमें न्यू और रिन्यूएबल एनर्जी सेगमेंट भी शामिल हैं। वित्त वर्ष 2025-26 में इस सेक्टर के लिए आवंटन में पिछले साल के मुकाबले 30 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई थी। पिछले साल इस सेक्टर में आवंटन 37,143 करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) था।
बजट दस्तावेज के मुताबिक, पावर सेक्टर के लिए आवंटित कुल 48,396 करोड़ रुपये में से पावर मिनिस्ट्री को 21,847 करोड़ रुपये मिलेंहे, जबकि न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी को 26,549 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। पावर मिनिस्ट्री फंड्स का सबसे बड़ा हिस्सा (16,021 करोड़ रुपये) डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर से जुड़ी नई स्कीम को मिलेगा। इस स्कीम के अहम कंपोनेंट में प्रीपेड स्मार्ट मीटिंग सिस्टम और डिस्ट्रिब्यूशन इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड शामिल हैं। वित्त वर्ष 2025 के बजट में इस स्कीम को 12,665 करोड़ रुपये मिले थे।
बजट में ट्रांसमिशन सेक्टर को 850 करोड़ रुपये मिला, जो वित्त वर्ष 2025 के संशोधित अनुमान 1,815 करोड़ रुपये से काफी कम है। साथ ही, ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर्स (GECs) के लिए 600 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं। वित्त वर्ष 2025 के संशोधित अनुमान में भी GECs के लिए इतनी ही रकम (600 करोड़ रुपये) आवंटित की गई थी। सरकार की फ्लैगशिप रूफटॉप सोलर स्कीम- पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना को 20,000 करोड़ रुपये मिले हैं, जो 11,100 करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) से 80 पर्सेंट ज्यादा है।
मनीकंट्रोल ने हाल में खबर दी थी कि सूर्य घर स्कीम को बजट में बड़ा सहयोग मिलेगा, ताकि रिन्यूएबल एनर्जी टारगेट को पूरा करने क लिए इस स्कीम को तेजी से अमल में लाया जा सके। इसी तरह, नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (NGHM) को 600 करोड़ रुपये मिले, जबकि वित्त वर्ष 2025 में इस मिशन को 300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके अलावा, पीएम कुसुम स्कीम (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान) को 2,600 करोड़ रुपये मिले, जबकि वित्त वर्ष 2025 के लिए संशोधित अनुमान में यह रकम 2,525 करोड़ रुपये थी।