बिजनेस ग्रुप मदरसन ग्रुप (Motherson Group) के को-फाउंडर विवेक चंद सहगल आज प्रमुख करोड़पति कारोबारियों में से एक हैं। 66 साल बिजनेस टाइकून ने 1970 के दशक की शुरुआत में 2,500 रुपये के सैलरी के साथ अपना करियर शुरू किया था और 1,05,600 करोड़ रुपये की सेल वाला कारोबारी बना दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक वह ऑस्ट्रेलिया के सबसे अमीर आदमी बन गए हैं। यहां आपको बता रहे हैं कि वैसे कैसे आस्ट्रेलिया के सफल कारोबारी बन गए।
विवेक का जन्म 28 सितंबर 1956 को दिल्ली भारत में हुआ था और उन्होंने अपनी एजुकेशन राजस्थान के पिलानी, बिड़ला पब्लिक स्कूल से पूरी की। विवेक ने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री ली और अठारह साल की उम्र में चांदी का कारोबार शुरू किया। उनके दादा एक सफल जौहरी थे। चांदी के कारोबार में विवेक ने एक रुपये में एक किलोग्राम चांदी बेची और चांदी में निवेश और कारोबार की वैल्यू को महसूस करने के बाद अपनी खुद की कंपनी शुरू करने का फैसला किया। इस उद्देश्य के साथ साल 1975 में उन्होंने अपनी दिवंगत मां स्वर्ण लता सहगल के साथ मदरसन कंपनी की शुरुआत की, जो शुरुआत में चांदी का कारोबार करती थी। हालांकि, चांदी के कराबोर में इंडस्ट्री में जल्द ही गिरावट शुरू हो गई। जब यह दिवालिया होने की कगार पर था, विवेक ने इस कारोबार को बंदकर दिया। उन्होंने कार पार्ट्स में अपनी कारोबार की शुरुआत की।
विवेक मदरसन ग्रुप को हेड कर रहे हैं। ये मदरसन ग्रुप का एक बड़ा हिस्सा भी है। ये कंपनी कार पार्ट्स का प्रोडक्शन करता है। फोर्ब्स के मुताबिक 18 मार्च तक उनकी कुल संपत्ति 4.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर (38,965 करोड़ रुपये) थी, वह संपत्ति के मामले में वैश्विक स्तर पर 666वें स्थान पर रखती है। 2021 में उन्होंने भारत की सबसे अमीर सूची में 49 वें स्थान पर जगह मिली थी। उन्हें 2016 में भारत में ईवाई एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवॉर्ड भी दिया गया।