FD vs Bond: बैंक FD या RBI का बॉन्ड, किसमें निवेश करने पर मिलेगा ज्यादा रिटर्न?

Bank FD vs RBI Bond: RBI के फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड (FRSB) में काफी अच्छा रिटर्न मिलता है। यह उन लोगों के लिए निवेश का शानदार विकल्प है, जो बैंक FD के बजाय किसी और सुरक्षित स्कीम में पैसा लगाना चाहते हैं। दोनों की ब्याज दर के साथ जानिए फायदे और नुकसान भी।

अपडेटेड Aug 19, 2025 पर 3:15 PM
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Bank FD vs RBI Bond: RBI का Floating Rate Savings Bond (FRSB) उन निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प है, जिन्हें सरकारी गारंटी और सुरक्षित रिटर्न चाहिए। मौजूदा समय में यह 8.05% का आकर्षक ब्याज दे रहा है। हालांकि, इसमें निवेश की शर्तें और लॉक-इन पीरियड भी हैं, जिन्हें समझना जरूरी है।

1. क्या है RBI Floating Rate Savings Bond (FRSB)? यह सरकारी बॉन्ड है, जो 100% सॉवरेन गारंटी के साथ आता है। इसमें निवेश करने वाले को डिफॉल्ट का कोई जोखिम नहीं होता। इसे खासकर सुरक्षित निवेश चाहने वालों के लिए डिजाइन किया गया है। 1. क्या है RBI Floating Rate Savings Bond (FRSB)?
यह सरकारी बॉन्ड है, जो 100% सॉवरेन गारंटी के साथ आता है। इसमें निवेश करने वाले को डिफॉल्ट का कोई जोखिम नहीं होता। इसे खासकर सुरक्षित निवेश चाहने वालों के लिए डिजाइन किया गया है।

2. मौजूदा ब्याज दर कितनी है? FRSB अभी 8.05% का सालाना ब्याज दे रहा है। यह दर NSC पर आधारित होती है और हर छह महीने में रीसेट होती है। यानी ब्याज दरें बदलने पर आपको उसका असर भी मिलेगा। 2. मौजूदा ब्याज दर कितनी है?
FRSB अभी 8.05% का सालाना ब्याज दे रहा है। यह दर NSC पर आधारित होती है और हर छह महीने में रीसेट होती है। यानी ब्याज दरें बदलने पर आपको उसका असर भी मिलेगा।

3. ब्याज दर कैसे तय होती है? इस बॉन्ड का कूपन रेट NSC की दर से जुड़ा है। NSC पर जितना ब्याज है, उसमें 0.35% का स्प्रेड जोड़कर यह दर तय होती है। इस वजह से यह FD से ज्यादा आकर्षक माना जा रहा है। 3. ब्याज दर कैसे तय होती है?
इस बॉन्ड का कूपन रेट NSC की दर से जुड़ा है। NSC पर जितना ब्याज है, उसमें 0.35% का स्प्रेड जोड़कर यह दर तय होती है। इस वजह से यह FD से ज्यादा आकर्षक माना जा रहा है।


4. लॉक-इन पीरियड और लिक्विडिटी ज्यादातर निवेशकों के लिए इस बॉन्ड में 7 साल का लॉक-इन है। यानी मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालना संभव नहीं। केवल वरिष्ठ नागरिकों को कुछ शर्तों के साथ जल्दी एग्जिट की सुविधा मिलती है। 4. लॉक-इन पीरियड और लिक्विडिटी
ज्यादातर निवेशकों के लिए इस बॉन्ड में 7 साल का लॉक-इन है। यानी मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालना संभव नहीं। केवल वरिष्ठ नागरिकों को कुछ शर्तों के साथ जल्दी एग्जिट की सुविधा मिलती है।

5. वरिष्ठ नागरिकों के लिए राहत 60 साल से ऊपर के निवेशकों को इस बॉन्ड में आंशिक लचीलापन है। वे उम्र के हिसाब से 4 से 6 साल में पैसा निकाल सकते हैं। हालांकि, जल्दी निकासी पर पेनल्टी लगेगी। 5. वरिष्ठ नागरिकों के लिए राहत
60 साल से ऊपर के निवेशकों को इस बॉन्ड में आंशिक लचीलापन है। वे उम्र के हिसाब से 4 से 6 साल में पैसा निकाल सकते हैं। हालांकि, जल्दी निकासी पर पेनल्टी लगेगी।

6. टैक्सेशन का नियम FRSB पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्सेबल है। यह आपकी इनकम टैक्स स्लैब में जुड़ जाएगा। अगर एक साल में ₹10,000 से ज्यादा ब्याज बनता है तो TDS भी कटेगा। 6. टैक्सेशन का नियम
FRSB पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्सेबल है। यह आपकी इनकम टैक्स स्लैब में जुड़ जाएगा। अगर एक साल में ₹10,000 से ज्यादा ब्याज बनता है तो TDS भी कटेगा।

7. FD और FRSB में तुलना अधिकांश बैंकों के FD पर अभी 6-7% ब्याज मिल रहा है। कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंक 9% तक देते हैं, लेकिन वहां सरकारी गारंटी नहीं होती। ऐसे में FRSB सुरक्षित और बेहतर रिटर्न का विकल्प बन जाता है। 7. FD और FRSB में तुलना
अधिकांश बैंकों के FD पर अभी 6-7% ब्याज मिल रहा है। कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंक 9% तक देते हैं, लेकिन वहां सरकारी गारंटी नहीं होती। ऐसे में FRSB सुरक्षित और बेहतर रिटर्न का विकल्प बन जाता है।

8. किसके लिए है सही विकल्प? यह बॉन्ड उन लोगों के लिए सबसे बेहतर है जो स्थिर और सुरक्षित रिटर्न चाहते हैं। जिन्हें पैसे की लिक्विडिटी चाहिए, उनके लिए FD ज्यादा सुविधाजनक रहेंगे। यानी निवेशक को अपनी प्राथमिकता के आधार पर चुनाव करना चाहिए। 8. किसके लिए है सही विकल्प?
यह बॉन्ड उन लोगों के लिए सबसे बेहतर है जो स्थिर और सुरक्षित रिटर्न चाहते हैं। जिन्हें पैसे की लिक्विडिटी चाहिए, उनके लिए FD ज्यादा सुविधाजनक रहेंगे। यानी निवेशक को अपनी प्राथमिकता के आधार पर चुनाव करना चाहिए।

Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: Aug 19, 2025 3:15 PM

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