आरबीआई ने 6 जून को रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कमी का ऐलान किया। यह अनुमान से ज्यादा है। इकोनॉमिस्ट्स ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स यानी 0.25 फीसदी की कमी का अनुमान जताया था। उम्मीद से दोगुना कमी का असर बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट इंटरेस्ट रेट्स पर दिखेगा। प्राइवेट और सरकारी बैंक अपने फिक्स्ड डिपॉजिट पर जल्द इंटरेस्ट रेट्स घटाना शुरू करेंगे। अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसे रखने के बारे में सोच रहे हैं तो यह आपके लिए अंतिम मौका है। इससे पहले की इंटरेस्ट रेट्स घट जाए आपको एफडी बुक कर लेना चाहिए।
अभी 7.25 फीसदी तक इंटरेस्ट कमाने का मौका
अभी कई प्राइवेट और सरकार बैंक लंबी अवधि (5 साल) के Fixed Deposit पर 6.5 से 7.25 फीसदी इंटरेस्ट ऑफर कर रहे हैं। ये रेट्स आगे मिलने वाले नहीं हैं। एक बैंकर ने कहा, "अगर आप एफडी में इनवेस्ट करना चाहते हैं या आपका एफडी मैच्योर करने जा रहा है तो यह हाई इंटरेस्ट रेट्स पर एफडी बुक करने का आपके लिए अंतिम मौका है।" एक्सपर्ट्स का कहना है कि एफडी बुक करने में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
एफडी बुक करने में इन बातों का रखें खास ध्यान
अगर आपका बैंक 3-5 साल के डिपॉजिट पर 7 फीसदी या इससे ज्यादा इंटरेस्ट ऑफर कर रहा है तो आपको कुछ पैसा इस रेट पर एफडी कर देना चाहिए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि उम्मीद है कि आरबीआई इंटरेस्ट रेट घटाना जारी रखेगा। इसका मतलब है कि अगले 1-2 साल तक डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट्स लो बना रहेगा। इसलिए आपको पूरा पैसा एक एफडी में रखने के बजाय अलग-अलग मैच्योरिटी के एफडी में रखना ठीक रहेगा। जैसे मान लीजिए आपको 1 लाख रुपये का एफडी करना है। तो आप 33-33 हजार रुपये का तीन एफडी कर सकते हैं, जिसका मैच्योरिटी एक साल, 2 साल और 3 साल हो सकता है। इसका फायदा यह है कि अगर 1 या 2 साल के बाद रेट्स फिर से बढ़ते हैं तो आप मैच्योरिटी के बाद एफडी का पैसा ज्यादा इंटरेस्ट पर नए एफडी में डाल सकते हैं।
सीनियर सिटीजंस के नाम पर बुक कर सकते हैं एफडी
बैंक सीनियर सिटीजंस को एफडी पर ज्यादा इंटरेस्ट देते हैं। अगर आप अपने बुजुर्ग माता-पिता के नाम से एफडी बुक करेंगे तो आपको 0.50 फीसदी या इससे ज्यादा इंटरेस्ट मिल सकता है। आपको सिर्फ ध्यान यह रखना होगा कि माता-पिता के नाम से एफडी बुक करने में नॉमिनी में अपना नाम जरूर देना है। कई लोग माता-पिता के नाम से एफडी करते हैं, लेकिन नॉमिनी में अपना नाम देना भूल जाते हैं। ऐसे में माता या पिता के निधन पर पैसे निकालने में दिक्कत आती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए नॉमिनी में अपना नाम देना जरूरी है।
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ऑटो रिन्यू का ऑप्शन सेलेक्ट नहीं करें
एफडी करते वक्त आपको ऑटो रिन्यू का विकल्प सेलेक्ट नहीं करना है। ऐसा करने पर एफडी मैच्योर होने पर बैंक खुद आपका एफडी रिन्यू कर देता है। ऐसे में आपके पास यह देखने का मौका नहीं होता कि क्या दूसरे बैंक में एफडी करने पर ज्यादा इंटरेस्ट मिल सकता है।