Education Loan: उच्च शिक्षा लागत दिन-ब-दिन बढ़ रही है। ऐसे में आज एजुकेशन लोन कई छात्रों के लिए जरूरी हो गया है। ऐसे में एक सवाल उठता है कि अगर किसी छात्र के माता-पिता लोन डिफॉल्टर हैं, तो क्या इससे छात्र को एजुकेशन लोन लेने में दिक्कत हो सकती है? एक्सपर्ट का मानना है किहां, लेकिन कुछ शर्तों और विकल्पों के साथ।
बैंक एजुकेशन लोन देते वक्त क्या देखते हैं?
बैंक जब किसी छात्र को एजुकेशन लोन देने का मूल्यांकन करते हैं, तो वे सिर्फ छात्र की अकादमिक योग्यता ही नहीं, बल्कि उसके गारंटर यानी सह-आवेदक की वित्तीय स्थिति और क्रेडिट हिस्ट्री भी देखते हैं। अधिकतर मामलों में माता-पिता ही सह-आवेदक होते हैं।
अगर माता-पिता का CIBIL स्कोर खराब है या वे किसी पुराने लोन पर डिफॉल्ट कर चुके हैं, तो बैंक के लिए जोखिम बढ़ जाता है। नतीजतन:
माता-पिता के गारंटर बनने पर सीधा असर
एक्सपर्ट के अनुसार, अगर छात्र माता-पिता को सह-आवेदक बनाता है और वे डिफॉल्टर हैं, तो बैंक की मंजूरी पाना कठिन हो जाता है। खासतौर पर सरकारी बैंक क्रेडिट स्कोर को गंभीरता से लेते हैं। हालांकि, कुछ प्राइवेट बैंक और NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां) लचीलापन दिखा सकती हैं, लेकिन उनके ब्याज दर अधिक हो सकते हैं।
क्या छात्र के खुद के नाम पर लोन मिल सकता है?
इसका जवाब है, हां। लेकिन, छात्र के नाम पर लोन कुछ खास स्थितियों में मिलता है। जैसे कि :
पैरेंट के डिफॉल्टर होने पर क्या विकल्प हैं?